38वें राष्ट्रीय खेल 2025: “संकल्प से शिखर तक” की रोमांचक दास्तान!

 

 

 

TMP : भारत का सबसे बड़ा खेल महाकुंभ, 38वें राष्ट्रीय खेल, 28 जनवरी 2025 से 14 फरवरी 2025 तक उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में होने जा रहा है। देशभर से लगभग 10,000 खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेरने के लिए तैयार हैं। इस बार आयोजन को खास बनाने के लिए कई नए और अनोखे पहलुओं को शामिल किया गया है।

खेल का नया चेहरा: 35 स्पर्धाएं, 2 नए खेल

इस बार कुल 35 खेल स्पर्धाएं होंगी, जिनमें से 33 खेल मेडल की दौड़ में होंगे और 2 प्रदर्शन खेल (डेमो गेम) का हिस्सा होंगे। खास बात यह है कि योग और मलखंब जैसे भारतीय परंपरागत खेलों को पहली बार मेडल गेम के रूप में शामिल किया गया है। यह पहल भारतीय संस्कृति और खेल परंपरा को सम्मान देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

उत्तराखंड: पहाड़ों से मैदान तक खेल का रोमांच

उत्तराखंड के आठ जिलों में इन खेल गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

  • दून (देहरादून) से लेकर हरिद्वार,

खटीमा से टिहरी तक,
हर कोना खिलाड़ियों और दर्शकों के जोश और उत्साह से गूंजेगा। यह आयोजन राज्य की विविधता और खूबसूरती का अनोखा संगम पेश करेगा।                                                                                                                                             

हरित पहल: खेल और पर्यावरण का संगम

इस बार खेलों का थीम है “ग्रीन गेम”। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए पदकों से लेकर अन्य सभी आयोजनों में हरित पहल की छाप होगी।

  • पुनर्नवीनीकरण सामग्री से बने पदक।
  • सभी स्टेडियम और आयोजन स्थलों पर ग्रीन प्रैक्टिस को प्राथमिकता।

यह पहल न सिर्फ खेलों में नया आयाम जोड़ रही है, बल्कि पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को भी उजागर करती है।                       

शुभंकर और मशाल: प्रतीक हैं गर्व और जोश के

  • राज्य पक्षी मोनाल को शुभंकर बनाया गया है, जिसे नाम दिया गया है “मौली”

मशाल का नाम रखा गया है “तेजस्विनी”, जो ऊर्जा और प्रेरणा का प्रतीक है।
यह दोनों प्रतीक उत्तराखंड की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।                                                           

संकल्प से शिखर तक: जोश भरने वाला ध्येय वाक्य

खेलों का ध्येय वाक्य “संकल्प से शिखर तक” खिलाड़ियों और आयोजन समिति की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस संदेश को एंथेम के जरिए देशभर में प्रचारित किया गया है, जिसने आयोजन को और भी खास बना दिया है।

खेलों की नई ऊंचाई पर भारत

38वें राष्ट्रीय खेल सिर्फ प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक ऐसा उत्सव है, जो खेल भावना, भारतीय संस्कृति और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को साथ लाने का काम करेगा। उत्तराखंड की वादियों में होने वाले इन खेलों में रोमांच, जोश, और प्रेरणा का संचार होगा।

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