देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भ्रष्टाचारमुक्त शासन की पहल ने उत्तराखंड में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का नया इतिहास रच दिया है। मात्र तीन वर्षों के भीतर विजिलेंस ने 57 ट्रैप ऑपरेशनों में 68 भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे भेजा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ यह निर्णायक लड़ाई ‘भ्रष्टाचारमुक्त एप 1064’ की शुरुआत के बाद और तेज हो गई है। अब तक इस एप पर 973 से अधिक शिकायतें दर्ज हुई हैं, जिनमें से 38 भ्रष्टाचार संबंधी मामलों पर जांच चल रही है।
मुख्यमंत्री धामी का स्पष्ट संदेश है—चाहे छोटा हो या बड़ा, भ्रष्टाचारी की जगह सिर्फ जेल में है। आईएएस और आईएफएस जैसे बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई कर धामी सरकार ने अपनी मंशा पहले ही जाहिर कर दी थी। राज्य के 23 साल के इतिहास में 281 ट्रैप में 303 गिरफ्तारी हुई हैं, जबकि धामी सरकार के तीन सालों में 57 ट्रैप में 68 भ्रष्टाचारी पकड़े गए हैं।
विजिलेंस की इस मुहिम में 13 से ज्यादा वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। “भ्रष्टाचारमुक्त उत्तराखंड” अभियान को विजिलेंस द्वारा संचालित ‘1064 एप’ के माध्यम से आम नागरिक भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। पहले लोग विजिलेंस से शिकायत करने से हिचकते थे, लेकिन अब ऑनलाइन शिकायत की प्रक्रिया ने भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसने का रास्ता आसान बना दिया है।
2023 का रिकॉर्ड:
विजिलेंस की सक्रियता 2024 में भी जारी रही है। अब तक 23 ट्रैप में 30 भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा गया है। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचारी किसी भी हाल में बख्शे नहीं जाएंगे।