पौड़ी जिले के कोट ब्लॉक के कठूड गांव में एक गुलदार के टूटे हुए मकान में घुसने से गांव में हड़कंप मच गया। गुलदार के अचानक गांव में आने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और करीब 7 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में कैद किया गया। गुलदार की उम्र लगभग 4 साल बताई जा रही है।
डीएफओ की त्वरित कार्रवाई से मिली सफलता
पौड़ी के रिजर्व फॉरेस्ट के डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि सोमवार देर शाम गुलदार के गांव के खंडहर मकान में घुसने की सूचना मिली थी। वन विभाग की टीम ने तुरंत ही कार्रवाई करते हुए रात 2 बजे गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर सुरक्षित रूप से पिंजरे में कैद कर लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। गुलदार को नागदेव रेंज लाया गया, जहां पशु चिकित्सकों की टीम ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया।
गुलदार था चोटिल, खोज रहा था सुरक्षित स्थान
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, गुलदार संभवतः घायल था और छिपने के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश में गांव के खंडहर मकान में घुस गया था। गुलदार की उम्र करीब 4 साल है, और उसकी चोटों के कारण उसे अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता है।
पहले भी हो चुकी हैं गुलदार की घटनाएं
गौरतलब है कि इससे पहले भी पौड़ी जिले के रिखणीखाल इलाके में वन विभाग ने दो गुलदारों को पकड़ा था। रक्षाबंधन के दिन एक गुलदार ने एक बच्चे को अपना शिकार बना लिया था। श्रीनगर में भी पिछले एक साल में चार बच्चों की जान गुलदार के हमलों में जा चुकी है, जिससे क्षेत्र में गुलदार का आतंक बढ़ता जा रहा है।
वन विभाग की इस त्वरित कार्रवाई से ग्रामीणों को राहत मिली है, लेकिन गुलदार की बढ़ती घटनाएं अभी भी चिंता का विषय बनी हुई हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से ऐसे मामलों में सतर्कता बढ़ाने और गुलदारों की सक्रियता पर नजर रखने की मांग की है।