जम्मू-कश्मीर चुनाव के मद्देनजर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को बनिहाल के रामबन में चुनाव प्रचार के दौरान पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। प्रचार अभियान के दौरान उनसे पाकिस्तान के साथ बातचीत की संभावनाओं पर सवाल किया गया, जिसका जवाब देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंधों का पक्षधर रहा है। लेकिन, पाकिस्तान को यह समझना होगा कि जब तक वह आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता, तब तक उससे बातचीत संभव नहीं है।
पाकिस्तान को कड़ा संदेश: आतंकवाद रोकने पर ही होगी बात
चुनाव प्रचार के दौरान रक्षा मंत्री ने साफ कहा कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ बेहतर रिश्ते बनाना चाहता है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए करता है, जो किसी भी वार्ता के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है। राजनाथ सिंह ने कहा, “अगर पाकिस्तान आतंकवाद पर पूरी तरह से लगाम लगाने को तैयार होता है, तो भारत भी बातचीत के लिए तैयार है।”
पाकिस्तान की वार्ता के प्रस्ताव को भारत ने किया खारिज
केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से पाकिस्तान ने कई बार द्विपक्षीय वार्ता की पेशकश की है, लेकिन भारत सरकार का रुख साफ है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर रोक नहीं लगाता, तब तक कोई वार्ता नहीं होगी। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा विदेश मंत्री स्तर पर वार्ता का प्रस्ताव भी इसी कारण अस्वीकार कर दिया गया था। भारत का यह कड़ा रुख पाकिस्तान को स्पष्ट संकेत देता है कि वह अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करे और आतंकवाद का समर्थन बंद करे।
मोदी सरकार का सख्त रुख
रक्षा मंत्री ने एक बार फिर मोदी सरकार के रुख को दोहराते हुए कहा कि भारत अपने पड़ोसी के साथ अच्छे संबंधों का पक्षधर है, लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन बंद करना होगा। उन्होंने कहा, “कौन नहीं चाहेगा कि पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते बनें? लेकिन पाकिस्तान को यह समझना होगा कि इसके लिए उसे अपनी जमीन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए बंद करना होगा।”
चुनाव प्रचार और राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा
जम्मू-कश्मीर के चुनावी माहौल में राजनाथ सिंह का यह बयान न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि पाकिस्तान को भी यह संदेश देता है कि भारत अपने सिद्धांतों और सुरक्षा मुद्दों से समझौता नहीं करेगा। राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया कि भारत बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को आतंकवाद के खात्मे की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।
इस प्रकार, राजनाथ सिंह के सख्त संदेश ने चुनावी मंच पर भी यह स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति में कोई ढील नहीं दी जाएगी और पड़ोसी संबंधों में स्थिरता और शांति तभी आ सकती है जब पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह से बंद करे।