मां के दूध की बिक्री मामले में FSSAI ने खाद्य व्यवसायों को चेताया कहा- नियमों का उल्लंघन करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

पीटीआई। मां के दूध को अमृत के समान माना जाता है। अमृत की खरीद बिक्री नहीं होती, लेकिन मां के दूध को भी बेचे जाने के मामले सामने आ रहे हैं। इन मामलों पर खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने संज्ञान लिया है। कहा कि मां के दूध की बिक्री नहीं की जा सकती। नियामक ने खाद्य व्यवसाय संचालकों को चेताया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एफएसएसएआई ने लाइसेंसिंग अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मां के दूध या इंसानी दूध के प्रसंस्करण और बिक्री के लिए मंजूरी न दें। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने यह निर्देश ऐसे समय में दिए हैं जब इस तरह की शिकायतें आ रही हैं कि कुछ संस्थाएं मां का दूध खुले बाजार में बेच रही हैं।

एफएसएसएआई ने 24 मई को एडवाइजरी जारी की

एफएसएसएआई ने ‘इंसानी दूध और उसके उत्पादों के अनधिकृत व्यावसायीकरण’ के संबंध में 24 मई को एडवाइजरी जारी की। खाद्य नियामक ने सलाह में कहा, मानव दूध और उसके उत्पादों के व्यावसायीकरण के संबंध में विभिन्न पंजीकृत समितियों से अभ्यावेदन प्राप्त हो रहे हैं। एफएसएसएआइ ने मानव दूध के प्रसंस्करण या बिक्री की अनुमति नहीं दी है।

मानव दूध के व्यावसायीकरण की गतिविधियों को रोका जाए

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों को जारी सलाह में, निगरानी संस्था ने यह भी सलाह दी है कि मानव दूध और उसके उत्पादों के व्यावसायीकरण से संबंधित ऐसी सभी गतिविधियों को तुरंत रोका जाए। नियमों का उल्लंघन करने वाले एफबीओ (फूड बिजनेस आपरेटर्स) के खिलाफ एफएसएस अधिनियम, 2006 और उसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है।

दूध की बिक्री में शामिल एफबीओ को लाइसेंस न दिया जाए

एफएसएसएआई ने राज्य और केंद्रीय लाइसेंसिंग अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि मां के दूध के प्रसंस्करण या बिक्री में शामिल एफबीओ को लाइसेंस न दिया जाए।

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