38वें राष्ट्रीय खेलों की उलटी गिनती शुरू, लेकिन अधूरी तैयारियों ने बढ़ाई सरकार की चिंता

 

 

 

देहरादून : उत्तराखंड में 21 दिन बाद शुरू होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों को लेकर सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। राज्य में इन खेलों के आयोजन के लिए जिन स्टेडियम और ग्राउंड्स का निर्माण और मरम्मत किया जाना था, उनमें से अधिकांश अभी तक अधूरे पड़े हैं। देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, टिहरी, ऋषिकेश, और अन्य शहरों में होने वाले इन इवेंट्स की तैयारियों में देरी ने सरकार के प्रबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

एथलेटिक्स ट्रैक पर सवाल

राष्ट्रीय खेलों के सबसे महत्वपूर्ण एथलेटिक्स इवेंट्स के लिए तैयार किए जा रहे सिंथेटिक ट्रैक का काम अब तक अधूरा है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, एक उच्च गुणवत्ता वाले सिंथेटिक ट्रैक को तैयार करने में कम से कम 2 महीने का समय लगता है, लेकिन इसे केवल 45 दिनों में पूरा करने का आदेश दिया गया।
2022 में इसी ट्रैक पर लगभग ढाई करोड़ रुपए खर्च कर नई लेयर बिछाई गई थी, जो हाल ही में हुए GTCC निरीक्षण में फेल हो गई। अब बारिश और मौसम के चलते इस काम में और देरी हो रही है।

शूटिंग रेंज और हॉल के निर्माण अधूरे

देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज रायपुर में शूटिंग प्रतियोगिता और बास्केटबॉल व जिम्नास्टिक इवेंट्स का

आयोजन होना है। लेकिन यहां की शूटिंग रेंज और नवनिर्मित भागीरथी हॉल में अभी तक चेयर्स लगाने, दर्शक दीर्घा बनाने और अन्य ढांचागत निर्माण का काम अधूरा है। शूटिंग प्रतियोगिता 29 जनवरी से 6 फरवरी के बीच होनी है, जबकि बास्केटबॉल और जिम्नास्टिक के इवेंट्स 28 जनवरी से 3 फरवरी के बीच आयोजित होने हैं।

प्रमुख खेलों के DOC में देरी

प्रस्तावित 34 खेलों में से केवल 28 खेलों के डायरेक्टर ऑफ कंपटीशन (DOC) की नियुक्ति हो पाई है। ताइक्वांडो, हैंडबॉल, वॉलीबॉल, गोल्फ, मल्लखंब, और योगासन जैसे खेलों की योजना अब तक अधर में है।

सरकार का दावा और हकीकत

उत्तराखंड के विशेष प्रमुख खेल सचिव अमित सिन्हा का कहना है कि सभी निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं और 15 जनवरी तक इन्हें पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि, आखिरी समय पर काम पूरा करने की इस हड़बड़ी ने खेल विभाग की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

राष्ट्रीय खेलों के आयोजन का महत्व

38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, टिहरी, और अन्य 11 स्थानों पर होगा, जिसमें देशभर से खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। यह आयोजन उत्तराखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि हो सकता है, लेकिन अधूरी तैयारियों ने इस प्रतिष्ठित आयोजन के भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया है।

सरकार की ओर से किए गए दावों के बावजूद, क्या राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड तैयार हो पाएगा? यह देखना अभी बाकी है।

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