35 लाख की चोरी करने वाला शातिर अन्तर्राज्यीय नकबजन गिरफ्तार

देहारादून के रायपुर पुलिस टीम ने 35 लाख की ठगी करने वाले शातिर अन्तर्राज्यीय नकबजन को 35 लाख रुपये के सोने और हीरे के आभूषण व एक लाख रूपये नगदी के साथ  सहारनपुर से गिरफ्तार किया। आपको बता दें कि अभियुक्त पूर्व में भी चोरी के कई मामलों मे जेल जा चुका है।

क्या है पूरा मामला

रायपुर थाना क्षेत्र में 11 फरवरी 2023 को वादिनी श्रीमती पूजा राठी पत्नी सुनील चिकारा, निवासी मयूर विहार, सहस्त्रधारा रोड, देहरादून ने थाना रायपुर में आकर एक लिखित प्रार्थना पत्र दिया । जिसके अनुसार 09 फरवरी को वादिनी और उसका परिवार  अपने एक  रिश्तेदारी की शादी में हरियाणा गये थे। लेकिन 11 फरवरी को जब वादिनी अपने परिवार के साथ देहारादून स्थित अपने  घर पहुंची तो उन्होने देखा कि उनके घर से किसी अज्ञात चोर द्वारा घर की आलमारी में रखे हीरे, सोने व चांदी की ज्वैलरी व नगदी चोरी कर ली है।  जिसके बाद वादिनी ने थाना रायपुर में मामले के संबंध में लिखित तहरीर दी। वादिनी की तहरीर के आधार पर थाना रायपुर  ने तत्काल प्रभाव से संबन्धित धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।  

140 सीसीटीवी कैमरे खंगालकर हुई आरोपी की पहचान

 आरोपी की पहचान करने के लिए पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए घटनास्थल के आसपास लगे लगभग 140 सीसीटीवी कैमरे चैक कर खंगालना शुरू किया। फुटेज चैक करने के दौरान उन्होने एक संदिग्ध व्यक्ति को चोरी की घटना से पूर्व तीन दिनों तक लगातार आते जाते देखा। जो बाएँ पाँव से थोड़ा लचकता रहा था। लेकिन उसने अपना चेहरा साल से ढका हुआ था।जिसकारण व्यक्ति का चेहरा पहचान में नहीं रहा था।  फिर सीसीटीवी फुटेज से संदिग्ध की पहचान केरने के लिए उसके हुलिये की फोटो और वीडियो निकाले गए। फिर उस  व्यक्ति का पूर्व में हुई चोरी की घटनाओं में गिरफ्तार चोरों के हुलिये से मिलान करने पर पाया कि पूर्व में मयूर विहार क्षेत्र में इसी प्रकार की एक चोरी घटना घटित हुई थी। जिसमें एक अभियुक्त शमशाद उर्फ धर्मेन्द्र पुत्र शौकत अली निवासी रसूलपुर बेहट रोड, थाना चिलकाना ,सहारनपुर उत्तर प्रदेश की गिरफ्तार किया गया था। जो बायीं पैर में चोट लगने के कारण लचक कर चलता था।

सत्यापन मा0 न्यायालय से करने पर पाया कि शमशाद वर्तमान में जमानत पर चल रहा है। जब घटनास्थल के आस-पास के लोगों को अभियुक्त शमशाद की पूर्व की फोटो दिखाई गयी तो लोगों ने बताया की  शमशाद घटना से पूर्व मयूर विहार क्षेत्र में आया था। जिस पर पुलिस टीम को शमशाद उर्फ धर्मेन्द्र की गिरफ्तारी व माल बरामदगी हेतु उसके पते पर रवाना किया गया।

चोरी के 35 लाख के आभूषण बरामद

18 फरवरी 2023 को अभियुक्त शमशाद उर्फ धर्मेन्द्र को कातला खुर्द चिलकाना रोड, सहारनपुर उ0प्र0 से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की गयी, जिसके कब्जे से हीरे व सोने के लगभग 35 लाख कीमत के आभूषण व चोरी के 1,00000/- (एक लाख रूपये) नगद बरामद कर चोरी के माल की शत प्रतिशत बरामदगी की गयी। अभियुक्त की निशानदेही पर पुलिस द्वारा चोरी करने में प्रयोग किये गये छैनी (आला नकब) को आशारोडी के जंगल से बरामद किया गया।

पूछताछ का विवरण  

अभियुक्त शमशाद उर्फ धर्मेन्द्र पुत्र शौकत अली निवासी रसूलपुर बेहट रोड थाना चिलकाना, सहारनपुर उत्तर प्रदेश द्वारा पूछताछ में बताया कि मैं पूर्व में मयूर विहार के आस-पास किराये के मकान पर रहता था। जिसकारण मुझे मयूर विहार के आने-जाने वाले सभी रास्तों की अच्छी जानकारी थी। पूर्व में भी मेरे द्वारा मयूर विहार में चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था जिसमें मैं जेल गया था । मैंने यमुनानगर हरियाणा में भी चोरी की थी। जिसमें मुझे पुलिस यमुनानगर कोर्ट में ले गयी थी , जहाँ से मैं दिसम्बर 2022 में छूटा था । मेरे चार छोटे-2 बच्चे है । जेल से छूटने के बाद मैंने सहारनपुर में ही कई बार अलग-2 जगहो पर चोरी का प्रयास किया था लेकिन उन घटनाओं में मुझे सामान नही मिल पाया था ।

रैकी कर लिया इलाके का जायजा

जिसके बाद मैने 08 व 09 फरवरी को मयूर विहार क्षेत्र में किसी बड़ी चोरी की घटना को अंजाम देने के लिए अलग- अलग स्थानो पर रैकी की। इस दौरान मुझे दिनांक 09 फरवरी 2023 को मयूर विहार में एक घर के बाहर से ताला लगा हुआ दिखाई दिया। जिसके बाद मैं वही पर रुक कर उस घर की रैकी करने लगा, जब रात्रि तक मुझे उक्त मकान में किसी प्रकार की कोई गतिविधि होती हुयी नही दिखाई दी तो मैंने उस मकान में चोरी करने की योजना बनायी और दिनांक 9 और 10 फरवरी  की रात्रि लगभग 02 बजे मैंने मयूर विहार स्थित उक्त मकान के दरवाजे का सेन्ट्रल लाक लोहे की छैनी से तोडकर मकान में प्रवेश किया तथा मकान के अन्दर कमरे की आलमारी में रखे हीरे, सोने के जेवरात व रूपये चुराकर मयूर विहार खाले में स्थित झाडी में छुप गया और सुबह 06.30 बजे बिक्रम से आईएसबीटी के रास्ते अपने घर सहारनपुर उत्तर प्रदेश चला गया । मैंने लोहे की छैनी को आशारोडी के जंगल में फेंक दिया था। चूँकि मै पूर्व में हरियाणा में रहा था इसलिए चोरी की उक्त ज्वैलरी व पैसो को छुपाने के लिए मै हरियाणा जा रहा था, जिससे यदि पुलिस मुझे चोरी की घटना में गिरफ्तार भी कर ले तो माल की बरामदगी ना हो सके तथा मै जेल से बाहर आकर अपनी जरुरत के हिसाब से धीरे- धीरे उक्त ज्वैलरी को बेच सकूँ।

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