चंपावत: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को भारत-नेपाल सीमा पर स्थित 57वीं वाहिनी, सशस्त्र सीमा बल (SSB), बनबसा का दौरा किया और जवानों की हौसलाअफजाई करते हुए उन्हें “देश की शान और सीमाओं के प्रहरी” बताया। उन्होंने साफ कहा कि सीमाओं की सुरक्षा में तैनात हर जवान देश की असली ताकत हैं और राज्य सरकार उनकी हर ज़रूरत के साथ खड़ी है।
सीएम धामी के दौरे की प्रमुख बातें:
1. जवानों को बताया ‘सीमा की पहली दीवार’
सीएम ने एसएसबी जवानों के साहस, कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर चौकसी बेहद जरूरी है और इसके लिए राज्य, केंद्र और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह समन्वय में काम कर रही हैं।
2. अवस्थापना और संचार सुविधाओं की ली समीक्षा
सीएम ने बनबसा की सीमा चौकियों पर उपलब्ध सुविधाओं, संचार व्यवस्था और इन्फ्रास्ट्रक्चर का जायजा लिया और ज़रूरी सुधारों के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए।
3. जवानों से की सीधी बातचीत
मुख्यमंत्री ने जवानों से बातचीत कर उनकी जमीनी हकीकत, समस्याएं और अनुभव जाने। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी जरूरतों को प्राथमिकता से हल करेगी।
4. सीमांत गांवों को बताया ‘राष्ट्र की पहली पहचान’
सीएम धामी ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘प्रथम गांव’ संकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि सीमांत क्षेत्र सिर्फ भौगोलिक नहीं, सांस्कृतिक सीमाएं भी हैं, जिनकी सुरक्षा अहम है।
5. पहलगाम हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की निंदा करते हुए हालिया पहलगाम आतंकी हमले को कायराना बताया और कहा कि भारत की सेनाएं इसका करारा जवाब दे चुकी हैं।
6. राष्ट्रवाद को बताया सबसे बड़ा अस्त्र
सीएम ने कहा, “जब देश एकजुट होता है, तो वह किसी भी हथियार से ज्यादा ताकतवर बन जाता है।” उन्होंने जवानों की राष्ट्रसेवा को सलाम करते हुए उन्हें बधाई दी।
सीएम धामी के इस दौरे ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि सीमा सुरक्षा और सैनिकों का मनोबल उत्तराखंड सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सीमाओं पर तैनात जवानों के साथ संवाद और उनका सम्मान ही भारत की सुरक्षा का आधार है।