देहरादून: उत्तराखंड की आर्थिकी की रीढ़ और श्रद्धा का प्रतीक चारधाम यात्रा इस वर्ष पूरे उत्साह और व्यवस्था के साथ आरंभ हो चुकी है। यात्रा के पहले ही दिन से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चारों धामों की ओर उमड़ पड़ी है। इसी के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक ऐतिहासिक कीर्तिमान स्थापित किया — वे राज्य के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गए हैं जो चारों धामों के कपाट खुलने के दिन स्वयं वहां मौजूद रहे।
यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम से हुई, जहां मुख्यमंत्री ने एक ही दिन दोनों स्थलों पर पहुंचकर यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। यमुनोत्री धाम में कपाट खुलने के दिन इससे पहले कोई भी मुख्यमंत्री नहीं पहुंच पाया था, जिसे लेकर इस बार का आयोजन खास बन गया। इसके बाद धामी ने 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बद्रीनाथ धाम में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
मुख्यमंत्री की यह सक्रियता सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं रही, बल्कि उन्होंने यात्रा मार्गों पर व्यवस्थाओं का स्वयं जायजा लिया, अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए और यात्रियों से संवाद कर सीधे फीडबैक लिया। ऋषिकेश जैसे प्रमुख पड़ावों पर भी वे लगातार निगरानी में जुटे हैं, जिससे यात्रा की गुणवत्ता और सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिल रहा है।
मौसम पर विशेष सतर्कता के निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मौसम की स्थिति को प्राथमिकता दी जाए और यदि मौसम प्रतिकूल हो, तो श्रद्धालुओं की सुरक्षा से कोई समझौता न हो। यात्रियों को मौसम से जुड़ी जानकारी समय पर उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सक्रिय भागीदारी ने इस बार की चारधाम यात्रा को सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि व्यवस्थित, सुरक्षित और श्रद्धालुओं के लिए सुकूनभरा अनुभव बना दिया है। यह पहल उत्तराखंड को धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकेत भी है।