देहरादून: चारधाम यात्रा-2025 को लेकर उत्तराखंड प्रशासन पूरी तरह सतर्क और तैयार है। आपदा की किसी भी संभावित स्थिति से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) के संयुक्त तत्वावधान में राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। इस अभ्यास का उद्देश्य चारधाम यात्रा के दौरान संभावित आपदाओं से निपटने की जमीनी तैयारियों की वास्तविक जांच करना है।
राज्य के 7 जिलों में होगा अभ्यास
यह मॉक ड्रिल उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून, टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार जिलों में आयोजित की जाएगी, जो चारधाम यात्रा मार्ग से सीधे जुड़े हुए हैं।
मॉक ड्रिल Incident Response System (IRS) के अंतर्गत विभिन्न रेखीय विभागों के समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमताओं का परीक्षण करेगी।
तालमेल और तत्परता की होगी परीक्षा
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि
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22 अप्रैल को टेबल टॉप अभ्यास (TTEX) किया जाएगा, जिसमें विभागों की योजना, तैयारियों और समन्वय पर चर्चा होगी।
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24 अप्रैल को राज्यव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें आपदा आने की काल्पनिक स्थिति को दर्शाते हुए रियल टाइम रेस्पॉन्स और रिकवरी का अभ्यास होगा।
मुख्य केंद्र SEOC देहरादून में
अभ्यास का संचालन देहरादून स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC), 36 आईटी पार्क, तृतीय तल से किया जाएगा। मॉक ड्रिल की शुरुआत सुबह 9:55 बजे होगी, जिसमें सभी जिलों से सीधे फीडबैक और रेस्पॉन्स की निगरानी की जाएगी।
यात्रा को आपदा-सुरक्षित बनाने की पहल
चारधाम यात्रा में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं। ऐसे में भूस्खलन, बादल फटने या अचानक मौसम बदलने जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए यह अभ्यास यात्रा को और अधिक सुरक्षित, व्यवस्थित और भरोसेमंद बनाएगा।