नई दिल्ली। विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को सटीक और तीखी प्रतिक्रिया दी। महिला पत्रकारों की सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा, “सब्जी काटने वाले चाकू से बाइपास सर्जरी कभी मत करो।”
धनखड़ ने कहा, “मेरे खिलाफ जो नोटिस लाया गया, वह तो सब्जी काटने का चाकू भी नहीं था। उस चाकू पर जंग लगा हुआ था। जल्दबाजी में तैयार किए गए इस नोटिस को पढ़कर मैं हैरान रह गया।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी ने इसे ध्यान से पढ़ा होता, तो कई दिनों तक नींद न आती।
संसद में सार्थक बहस की कमी पर चिंता
उपराष्ट्रपति ने संसद में कामकाज के मूल्यवान समय की बर्बादी पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “क्या आपने पिछले कुछ दशकों में संसद में कोई महान बहस देखी है? हम गलत कारणों से सुर्खियों में हैं।” उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि वह जनप्रतिनिधियों पर जवाबदेही तय करने के लिए दबाव बनाए।
विपक्ष का नोटिस खारिज
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने 10 दिसंबर को धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था, जिसमें करीब 60 सांसदों के हस्ताक्षर थे। हालांकि, उपसभापति हरिवंश ने इस नोटिस को खारिज करते हुए इसे “खामियों से भरा और छवि धूमिल करने का प्रयास” बताया था।
मीडिया को मिली जिम्मेदारी की नसीहत
धनखड़ ने मीडिया से लोकतंत्र के “मंदिरों” की पवित्रता बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि मीडिया के माध्यम से जनता जनप्रतिनिधियों पर दबाव बना सकती है। “हमें लोकतंत्र के इन मंदिरों की गरिमा को बनाए रखना होगा,” उन्होंने कहा।
धनखड़ का यह बयान विपक्षी राजनीति और संसदीय कार्यों के बीच संतुलन पर गहरी सोच और सुधार की जरूरत को दर्शाता है।