रूस-यूक्रेन शांति के लिए मोदी की पहल: पुतिन से गर्मजोशी भरी मुलाकात में शांति वार्ता का प्रस्ताव

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस के कजान में हो रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय मुलाकात की। यह मुलाकात कई मायनों में खास रही, जहां दोनों नेताओं ने गले मिलकर एक-दूसरे का स्वागत किया और अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस मुलाकात में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध को शांति के माध्यम से हल करने का प्रस्ताव रखा, साथ ही भारत की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया।

मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा, “भारत हमेशा से शांति की पैरवी करता रहा है, और हम किसी भी संघर्ष का हल वार्ता के जरिए निकालने में विश्वास रखते हैं। हम दोनों ही पक्षों के संपर्क में हैं और इस टकराव को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए भारत हर संभव प्रयास करेगा।”

रूस के साथ खास साझेदारी का जिक्र:

इस दौरान पीएम मोदी ने अपने पिछले तीन महीनों में रूस के तीन दौरे को भी याद किया। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच खास और रणनीतिक साझेदारी है, जो सिर्फ हथियारों तक सीमित नहीं है। रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद भारत ने रूसी पेट्रोल और डीजल की खरीद जारी रखी, इस बात को लेकर भी मोदी ने भारत के नागरिकों के हितों को प्राथमिकता देने की बात दोहराई।

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भी मोदी की बात का समर्थन करते हुए कहा कि दोनों देशों के रिश्ते बेहद गहरे और महत्वपूर्ण हैं। बता दें कि जुलाई में पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू से सम्मानित किया गया था, जो दोनों देशों की दोस्ती की गहराई को दर्शाता है।

ब्रिक्स सम्मेलन का महत्व:

कजान में हो रहे 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत, रूस, ब्राजील, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे बड़े देश शामिल हैं। इस सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स में पांच नए देशों को सदस्यता दी जाएगी, जिससे इस समूह की ताकत और बढ़ेगी। ब्रिक्स की वैश्विक अर्थव्यवस्था में 37% GDP की हिस्सेदारी है, जो इसे दुनिया के सबसे ताकतवर समूहों में से एक बनाती है।

इस बैठक से रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान की दिशा में सकारात्मक कदम उठने की उम्मीद है, जिसमें भारत ने एक बार फिर शांति की राह दिखाने में अहम भूमिका निभाई है।

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