मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सर्वे चौक स्थित आई. आर. डी. सभागार में आयोजित ‘जागर लोक संस्कृति उत्सव’ में भाग लेकर उत्तराखंड की समृद्ध लोक परंपराओं का जश्न मनाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सचिदानंद सेमवाल द्वारा लिखित पुस्तक ‘उत्तराखंड का लोक पुत्र प्रीतम भरतवाण’ का विमोचन किया और पद्मश्री प्रीतम भरतवाण को राज्य की लोक संस्कृति का ब्रांड एंबेसडर घोषित किया। उन्होंने कहा कि प्रीतम भरतवाण ने देवभूमि की पवित्र लोक परंपराओं और लोक संस्कृति को विश्वभर में पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
जागर और ढोल: सांस्कृतिक पहचान के प्रतीक
मुख्यमंत्री धामी ने प्रीतम भरतवाण की जागर एकेडमी के माध्यम से युवाओं को इस सांस्कृतिक विधा से जोड़ने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जागर और ढोल वादन हमारी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं, जो हमें अपनी प्राचीन विरासत से जोड़ते हैं। मुख्यमंत्री ने जागर को देवताओं के आह्वान का एक पवित्र माध्यम बताते हुए इसे उत्तराखंड की संस्कृति का एक अनमोल उत्सव कहा।
लोक कलाकारों के लिए राज्य सरकार के प्रयास
राज्य सरकार लोककला और लोक संस्कृति की समृद्धि के लिए निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि नवोदित और उदीयमान प्रतिभाओं को सम्मानित करने की परंपरा शुरू की गई है और लोक कलाकारों को प्रोत्साहित कर सहायता प्रदान की जा रही है। कोरोना काल में 3200 लोक कलाकारों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई थी और 60 वर्ष से अधिक आयु के लोक कलाकारों को मासिक पेंशन भी दी जा रही है। इसके अलावा, पौराणिक मेलों को उनके मूल स्वरूप में स्थापित करने के लिए भी मदद दी जा रही है।
जागर गायन शैली और गुरू-शिष्य परंपरा को दिया जा रहा संरक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि जागर गायन शैली और प्राचीन परंपरागत लोक कला को गुरू-शिष्य परंपरा के माध्यम से संरक्षित करने और पहचान दिलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, लोक कला से जुड़ी लिपियों को प्रकाशित करने और आर्ट गैलरी के माध्यम से संरक्षित करने का भी कार्य हो रहा है, ताकि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को भावी पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके।
पुस्तक और लेखक का सम्मान
मुख्यमंत्री ने सचिदानंद सेमवाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी यह पुस्तक प्रीतम भरतवाण के योगदान को जन-जन तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री ने सभी से अपनी लोक संस्कृति को सहेजने और इसे भावी पीढ़ी तक पहुंचाने में समर्पित भाव से कार्य करने की अपेक्षा भी की।
गणमान्य व्यक्तियों के विचार
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और गणेश जोशी ने प्रीतम भरतवाण के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें जागर और लोक संस्कृति का प्रतीक बताया। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि प्रीतम भरतवाण के प्रयासों ने युवाओं को अपनी संस्कृति से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी और साहित्यकार सोमवारी लाल उनियाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोक संस्कृति और साहित्य से जुड़े गणमान्य लोग उपस्थित थे, जिन्होंने लोक कलाकारों के प्रयासों को सराहा और लोक संस्कृति के संवर्धन में अपना योगदान देने का संकल्प लिया।
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