एएनआइ। भारतीय सशस्त्र बलों के लिए विश्व स्तरीय अधिकारी तैयार करने वाली राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) ने मंगलवार को अपनी 75वीं वर्षगांठ मनाई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कैडेटों को संबोधित करते हुए चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि सेना का नेतृत्व करना जटिल होता है। नेतृत्व कर रहे व्यक्ति को जटिल परिस्थितियों से निपटने में सक्षम होना चाहिए। किसी भी युद्ध का परिणाम प्रौद्योगिकी, रणनीति और संगठनात्मक संरचनाओं पर निर्भर करता है।
सीडीएस ने कहा, युद्ध को जीतने में सैन्य नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। नेतृत्व कर रहे व्यक्ति को विचारक होना चाहिए। युद्ध की प्रकृति के अनुसार नेतृत्व की आवश्यकताएं अलग-अलग होती हैं। उन्होंने कहा कि नेतृत्वकर्ता को विचारक होना चाहिए। जनरल अनिल चौहान ने कहा, एनडीए पाठशाला है जहां राष्ट्रवाद की भावना जागृत की जाती है। यह ऐसी जगह है जहां हम विविधता का सम्मान करना भी सीखते हैं।
उन्होंने कहा, एनडीए के पहले बैच का गौरवान्वित कैडेट होना विशेष अहसास है। पहले बैच का अकादमी के इतिहास में विशेष स्थान है। थलसेना अध्यक्ष जनरल एसएफ रोड्रिग्स (सेवानिवृत्त) , नौसेना अध्यक्ष एडमिरल एल रामदास (सेवानिवृत्त) और वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल (सेवानिवृत्त) एनसी सूरी पहले बैच में शामिल थे।
भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार हुआ था तीनों सेनाओं की कमान एनडीए के बैचमेट ने संभाली थी। 1991-93 के बीच वायुसेना प्रमुख रहे एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी (सेवानिवृत्त) ने कहा, यह उपलब्धि इस साक्ष्य से कम नहीं है कि ‘एनडीए सैन्य नेतृत्व का उद्गम स्थल है’। एनडीए को दुनिया का पहला संयुक्त प्रशिक्षण संस्थान होने का अनूठा गौरव प्राप्त है जो तीनों सेनाओं के भावी अधिकारियों को संयुक्त कौशल की भावना से प्रशिक्षित करता है।