नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले कुछ समय से जारी तनाव अब धीरे-धीरे थमता दिख रहा है। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंक और आक्रमण को लेकर अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। सोमवार शाम दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के बीच संवाद से पहले एक अहम प्रेस ब्रीफिंग में डीजी एयर ऑपरेशन्स एयर मार्शल ए.के. भारती ने मीडिया के सामने पाकिस्तान की नाकाम साजिशों की पोल खोल दी।
PL-15 मिसाइल और तुर्की ड्रोन्स हुए फेल
एयर मार्शल भारती ने ऑपरेशन सिंदूर की बारीकियों को साझा करते हुए खुलासा किया कि पाकिस्तान ने चीन निर्मित एयर-टू-एयर मिसाइल PL-15 का इस्तेमाल किया, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने उसे हवा में ही नाकाम कर दिया। इतना ही नहीं, तुर्की के ड्रोन जिनकी दुनियाभर में खूब चर्चा है, वो भी भारतीय सुरक्षा कवच को भेद नहीं पाए। भारती ने कहा,
“तुर्की हो या कोई और देश, हमारे डिफेंस सिस्टम के सामने सब फेल हैं। पाकिस्तान के सभी ड्रोन्स को मार गिराया गया।”
स्वदेशी ‘आकाश’ ने उड़ाया दुश्मन का होश
भारतीय स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम ‘आकाश’ ने ऑपरेशन सिंदूर में निर्णायक भूमिका निभाई। एयर मार्शल ने इसे ‘समय की कसौटी पर खरा उतरने वाला रक्षा कवच’ बताया और कहा कि पिछले एक दशक में सरकार के बजटीय और नीतिगत समर्थन के चलते वायु रक्षा की यह ताकत खड़ी की जा सकी है।
आतंक के खिलाफ, सेना के नहीं
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने प्रेस वार्ता में साफ किया कि भारत की यह कार्रवाई पाकिस्तानी सेना के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंकी नेटवर्क और उसके संरक्षकों के विरुद्ध है। उन्होंने बताया कि आतंकियों ने अब भीड़-भाड़ वाले धार्मिक स्थलों और पर्यटक स्थानों को निशाना बनाने की रणनीति अपनाई है। शिवखोड़ी मंदिर और पहलगाम की घटनाएं इसी की मिसाल हैं।
चौपाई के ज़रिए चेतावनी: अब नहीं होगी विनय
एयर मार्शल भारती ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए ‘रामचरितमानस’ की एक प्रभावशाली चौपाई पढ़ी:
“विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति।
बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति॥”
उन्होंने कहा, “अब समय विनम्रता का नहीं, प्रतिकार का है। शांति तभी संभव है जब सामने वाला भय और सम्मान दोनों समझे।”
कूटनीति के साथ सैन्य शक्ति का संतुलन
जहां एक ओर शाम को DGMO स्तर की बातचीत से कूटनीतिक रास्ता खुला है, वहीं ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए भारत ने दुनिया को यह स्पष्ट कर दिया है कि सहनशीलता की सीमा पार करने पर कार्रवाई सुनिश्चित है। एयर ऑपरेशन्स से लेकर ग्राउंड इंटेलिजेंस तक, भारत की सेना आतंक के खिलाफ पूरी तरह तैयार और संगठित है।
ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक सफल सैन्य जवाब था, बल्कि यह संदेश भी कि भारत अब प्रतिक्रिया नहीं, निर्णायक पहल की नीति पर काम कर रहा है। स्वदेशी ताकत, सटीक रणनीति और सांस्कृतिक आत्मबल—तीनों के संगम से भारत ने एक नई सैन्य और कूटनीतिक परिभाषा गढ़ दी है।