रॉयटर्स। अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में कमला हैरिस की संभावित जीत का जश्न मनाने के लिए तमिलनाडु के तिरुवरूर जिले के तुलासेंद्रापुरम गांव में पूजा और प्रार्थना का माहौल है। करीब 13,000 किलोमीटर दूर अमेरिका में चुनावी कसरत जारी है, वहीं गांव के लोग अपने तरीके से जीत की दुआ कर रहे हैं। तुलासेंद्रापुरम, जहां कमला हैरिस के नाना पीवी गोपालन का जन्म हुआ था, वहां के निवासियों के लिए यह एक गर्व का क्षण है।
कमला हैरिस का भारत से जुड़ाव
तुलासेंद्रापुरम गांव का इतिहास कमला के नाना पीवी गोपालन से जुड़ा है, जो एक समय भारत सरकार के प्रतिष्ठित अधिकारी रहे थे। गोपालन की बेटी श्यामला गोपालन, पढ़ाई के लिए अमेरिका गईं और वहीं उनकी शादी जमैका मूल के डोनाल्ड जे हैरिस से हुई। उनकी संतान के रूप में 1964 में कैलिफोर्निया के ऑकलैंड में कमला हैरिस का जन्म हुआ। भारतीय और अफ्रीकी कैरेबियन जड़ों वाली कमला की उपलब्धि पर उनके ननिहाल का गांव गर्वित है और उसकी सफलता के लिए विशेष प्रार्थनाएं आयोजित कर रहा है।
तुलासेंद्रापुरम में कमला हैरिस के लिए प्रार्थनाएं और उत्सव की तैयारी
मंगलवार को गांव के मंदिर में खास प्रार्थना सभा रखी गई, जिसमें कमला हैरिस की जीत की कामना की गई। मंदिर के बाहर कमला को “धरती की बेटी” बताते हुए एक बड़ा बैनर भी लगाया गया है। गांव के निवासी जी मणिकंदन ने कहा, “अगर कमला चुनाव जीतती हैं, तो पूरे गांव में कई दिनों तक जश्न मनाया जाएगा।” इस मंदिर में लगी दानदाताओं की सूची में कमला का नाम उनके नाना के नाम के साथ दर्ज है, जो गांव में उनकी गहरी जड़ों को दर्शाता है।
कड़े मुकाबले में हैं कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप
5 नवंबर से अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का मतदान शुरू हो गया है, और इस बार मुख्य मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच है। 2020 के चुनावों में कमला के उपराष्ट्रपति बनने के बाद भी इस गांव में आतिशबाजियों के साथ जश्न मनाया गया था।
अमेरिकी चुनाव के परिणाम की प्रतीक्षा
अमेरिका में इस ऐतिहासिक मुकाबले में परिणाम आने में कई दिन लग सकते हैं, क्योंकि दोनों ही उम्मीदवार अपने समर्थकों को मतदान केंद्र तक लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कमला हैरिस की जीत के इंतजार में तुलासेंद्रापुरम में उत्सुकता और उम्मीदों का माहौल बना हुआ है, और गांव के लोग अपने दुआओं और आशीर्वादों से उन्हें समर्थन दे रहे हैं।