2010 के रिश्वत मामले में दोषी पाए गए हरिद्वार के अवर अभियंता को 5 साल की सजा, 50 हजार का जुर्माना

 

देहरादून: हरिद्वार में 2010 के रिश्वत मामले में गिरफ्तार अवर अभियंता सुधाकर त्रिपाठी को विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम गढ़वाल परिक्षेत्र ने दोषी करार देते हुए 5 साल के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियंता को 25 हजार रुपये का जुर्माना भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और 25 हजार रुपये का जुर्माना धारा 13(1)डी के तहत लगाया गया है।

मामले का विवरण: 2010 में पीड़ित ठेकेदार ने सतर्कता विभाग देहरादून में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि अवर अभियंता सुधाकर त्रिपाठी ने फायर स्टेशन सिडकुल हरिद्वार के कार्य के भुगतान के लिए 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। 17 जुलाई 2010 को त्रिपाठी को सतर्कता टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। विजिलेंस टीम की जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई और आज विशेष न्यायालय ने अभियंता को दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई।

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