इस समय मे जब उत्तराखंड के चारधाम यात्रा के लिए खुल गए हैं और श्रद्धालु भी बढ-चढ़कर यात्रा मे प्रतिभाग कर रहे हैं। लेकिन आज से ठीक 9 साल पहले आई केदारनाथ आपदा को कौन भूल सकता है। जिसमे हजारों लोगो ने अपनी जाने गवाँई और सैकड़ों लोगो ने अपनों को खो दिया। इसी आपदा मे कुछ लोग ऐसे थे जो आपदा से तो बच गए पर उस मंजर ने उनके मस्तिष्क पर ऐसा असर किया की उन्हे कुछ याद नहीं रहा। ऐसे ही भटके लोगों के मिलने की खबरे आये दिन आती रहती है। ताजा मामला बागेश्वर के गरुड क्षेत्र का है जहाँ तमिलनाडु के एक व्यक्ति को गरुड के नजदीकी जंगल मे भटकता हुआ पाया गया है।
जंगल मे भटकते हुए मिला युवक
राज्य समीक्षा की खबर की माने तो ग्रामीणों ने उक्त व्यक्ति को पास के जंगल मे अकेले भटकता पाया गया। उसकी हाल्ट को देखते हुए ग्रामीण उसे गाँव ले आये। ग्रामीणों ने उसे खाना व कपड़े दिये। लेकिन जब उससे बात करने की कोशिश की गई तो वह बात नहीं कर पाया। ना ही अपना नाम-पता बता पाया।
ग्रामीणों ने बताया युवक हिन्दी और अँग्रेजी दोनों ही भाषाए नहीं समझ रहा था। बहुत बात करने पर पता चला कि वो तमिल बोल रहा है। ऐसे मे गाँव के लोगों ने युवक को दिल्ली के तमिलनाडु भवन पहुंचाया । और सूचना है कि वहां से युवक को मदुरै या चेन्नई ले जाने की व्यवस्था की जा रही है।
मानसिक हालत ठीक नहीं
ग्रामीणों की माने तो युवक की मानसिक हालत ठीक नहीं हैं । जिस तरह से युवक जंगल मे भटकता पाया गया उससे अनुमान होता है कि ये 2013 मे आई केदारनाथ त्रासदी का पीड़ित हो सकता है। संभवतः उस समय भटक गया होगा और फिर भटकते भटकते यहाँ पहुच गया होगा।
थानाध्यक्ष कैलाश बिष्ट ने कहा कि यह व्यक्ति तमिलनाडु से इतनी दूर यहां कैसे पहुंचा? इसका पता नहीं लग सका। परंतु संतुष्टि हैं कि युवक अपने परिवार से जल्द ही मिल पायगा।
आज भी केदारनाथ त्रासदी के 9 साल बाद भी आपदा मे भटके लोगों के मिलने की सूचनाए आती रहती हैं।