देहरादून: उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून की दिशा में तेजी से काम जारी है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि तहसील स्तर पर हुई बैठकों की विस्तृत और सारगर्भित रिपोर्ट जल्द से जल्द शासन को प्रस्तुत की जाए।
सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों के साथ बैठक में मुख्य सचिव ने जोर दिया कि रिपोर्ट में धरातल स्तर के सभी हितधारकों की राय शामिल होनी चाहिए। इनमें आम जनता, सामाजिक कार्यकर्ता, राज्य आंदोलनकारी, और राजनीतिक कार्यकर्ता जैसे सभी वर्ग शामिल हैं। उन्होंने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और समावेशी बनाने पर विशेष जोर दिया।
प्रगति की स्थिति और रिपोर्ट की तैयारी
मुख्य सचिव को अवगत कराया गया कि अब तक अल्मोड़ा और नैनीताल को छोड़कर सभी जिलों से रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि यह स्पष्ट किया जाए कि तहसील स्तर पर कितनी बैठकें आयोजित हुईं और किन-किन मुद्दों पर चर्चा की गई।
सीएस ने कहा, “हर तहसील से मिली जानकारी का गहन विश्लेषण कर एक समेकित रिपोर्ट तैयार करें, ताकि शासन स्तर पर भू-कानून से जुड़े प्रभावी और सशक्त निर्णय लिए जा सकें।” उन्होंने तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्हें बैठकों की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।
सशक्त भू-कानून: जनता की राय बनेगी आधार
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से कहा कि भू-कानून का उद्देश्य राज्य के हर नागरिक के हितों की रक्षा करना है। इसके लिए सभी हितधारकों की राय को महत्व दिया जाएगा। यह प्रक्रिया उत्तराखंड के भू-संसाधनों के कुशल और न्यायपूर्ण उपयोग की दिशा में एक बड़ा कदम है।
बैठक में शामिल अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव एस. एन. पांडेय, जिलाधिकारी सविन बंसल, अपर सचिव आनंद श्रीवास्तव, और राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। सभी जिलों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में जुड़े।