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उत्तराखंड के जनजातीय ग्रामों में नई क्रांति: सभी को मिलेगा जनजाति प्रमाण पत्र, उन्नति के रास्ते होंगे और सुगम!

 

देहरादून: उत्तराखंड के जनजातीय समुदायों के लिए खुशखबरी है। राज्य के सभी जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में अब जल्द ही कैंप लगाकर जनजाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस महत्वपूर्ण कार्य को तेजी से पूरा किया जाए। यह कदम प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य जनजातीय समुदायों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाना है।

मुख्य सचिव ने सभी 17 संबंधित विभागों को अपने-अपने नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं, जो आगामी 27 सितंबर को भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित मंथन शिविर में भाग लेंगे। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, जल जीवन मिशन और विद्युतीकरण योजनाओं का शत प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित किया जाएगा।

अगले चरण में, 02 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के शुभारंभ के अवसर पर सभी चयनित ग्रामों में जिला स्तर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य जनजातीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के विकास से लेकर, शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। उत्तराखंड में 7 जनपदों के 15 ब्लॉकों के 128 जनजातीय ग्रामों को इसके लिए चयनित किया गया है।

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी विभागों को समय पर कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश देते हुए कहा कि जनजातीय समुदायों की उन्नति और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए यह योजना एक ऐतिहासिक अवसर है।

 
 
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