नई शिक्षा नीति की ओर बड़ा कदम: परीक्षाओं से लेकर भारत दर्शन तक, उत्तराखंड में शिक्षा का खाका बदलने की तैयारी तेज

 

 

 

देहरादून: उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति (NEP) को ज़मीन पर उतारने की दिशा में सरकार ने कमर कस ली है। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने बुधवार को सचिवालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत परीक्षा पैटर्न समेत अन्य प्रावधानों को जल्द लागू करने की तैयारी सुनिश्चित की जाए।

परीक्षा प्रणाली में होगा बदलाव

मुख्य सचिव ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत मूल्यांकन प्रणाली में व्यापक बदलाव किए जाने हैं, जिसके लिए अब धरातल पर ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। स्कूलों में इसके मुताबिक़ तैयारी शुरू की जाए और शिक्षकों को भी समय रहते प्रशिक्षित किया जाए।

‘भारत दर्शन योजना’ का होगा विस्तार – 5 गुना तक बढ़ेगा लक्ष्य

राज्य सरकार अब छात्रों को देश के प्रमुख विज्ञान, तकनीक और सैन्य संस्थानों की यात्रा पर भेजेगी।

  • इस वर्ष कम से कम 1000 छात्रों को भारत दर्शन पर भेजने का लक्ष्य रखा गया है।

  • अगले वर्ष यह संख्या 5000 तक पहुंचाने की योजना है।

  • भारत दर्शन की अवधि भी बढ़ाकर 7 दिन करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बच्चे अनुभवों से सीख सकें।

559 क्लस्टर स्कूलों के लिए एक माह में बनेगी डीपीआर

राज्य में प्रस्तावित 559 क्लस्टर विद्यालयों के निर्माण को लेकर मुख्य सचिव ने तेजी लाने के निर्देश दिए।

  • सभी चिन्हित भवनों की DPR (प्रोजेक्ट रिपोर्ट) एक महीने के भीतर तैयार की जाए।

  • स्मार्ट क्लासेज, कंप्यूटर लैब और हॉस्टल सुविधाओं की DPR भी तय समय में पूरी करने को कहा गया।

  • जिलों में भ्रमण कर भवन निर्माण में आ रही अड़चनों को मौके पर ही हल करने का निर्देश।

हर काम की होगी टाइमलाइन, नहीं चलेगा टालमटोल

मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि निर्माण कार्यों की धीमी रफ्तार बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

  • प्रत्येक कार्य की स्पष्ट समयसीमा तय की जाए।

  • सचिव, अपर सचिव और महानिदेशक स्तर पर नियमित समीक्षा की जाए।

  • आवासीय विद्यालयों में मेडिकल इमरजेंसी के लिए वाहन की सुविधा अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए।

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