TMP: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड में जब उत्तराखंड के हल्द्वानी निवासी 65 वर्षीय दिव्यांग कलाकार जीवन चंद्र जोशी का नाम लिया, तो उनका जीवन अचानक सुर्खियों में आ गया। पीएम मोदी ने न केवल उन्हें कलाकार कहा, बल्कि उन्हें “जीती-जागती प्रेरणा” बताया।
पोलियो ने भले ही जीवन के पैरों की ताकत छीन ली, लेकिन उनकी कल्पनाओं की उड़ान को नहीं रोक पाया। पीएम मोदी ने कहा, “जिनके नाम में जीवन हो, वो कितनी जीवटता से भरे होंगे।” उन्होंने बताया कि जीवन चंद्र जोशी चीड़ की सूखी छाल से बेहतरीन कलाकृतियां बनाते हैं—उस छाल से जिसे लोग आमतौर पर बेकार समझते हैं।
जीवन ने अपनी इस विशेष कला का नाम दिया है—‘बगेट’। यह सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि उत्तराखंड की माटी, उसकी आत्मा, उसकी संस्कृति का सजीव चित्रण है। पीएम ने कहा, “कभी लगता है जैसे पहाड़ों की आत्मा लकड़ी में समा गई हो।”
जीवन की रचनाएं उत्तराखंड के लोकवाद्य, रीति-रिवाज और सांस्कृतिक भावनाओं को जीवंत करती हैं। वो बताते हैं कि साधन भले सीमित हों, लेकिन अगर इरादा नेक हो, तो कोई भी कमी रास्ता नहीं रोक सकती।
प्रधानमंत्री मोदी की सराहना के बाद जीवन चंद्र जोशी अचानक पूरे देश में चर्चित हो गए हैं। सोशल मीडिया पर लोग उनकी कलाकृतियों की झलक ढूंढने लगे हैं, और कई लोग उन्हें “हिमालय का हस्तशिल्प संत” भी कह रहे हैं।
जहां एक ओर तकनीक और तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में सादगी और कला की जगह सिकुड़ती जा रही है, वहीं जीवन चंद्र जोशी जैसे लोग हमें याद दिलाते हैं कि सच्चा जीवन वही है जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाए।