देहरादून के मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 99वें फाउंडेशन कोर्स के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने युवा अधिकारियों को एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का आह्वान करते हुए कहा कि “आप देश के ऐसे शिल्पी हैं, जो आज़ादी के 100 वर्ष पूरे होने तक भारत को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाएंगे।”
महिलाओं की भागीदारी से होगा ‘Women-Led Development’ का सपना पूरा
अमित शाह ने समारोह में मौजूद अधिकारियों में 38% महिलाओं की उपस्थिति का स्वागत किया और कहा कि जब तक 50% जनसंख्या नीति निर्धारण में शामिल नहीं होगी, ‘Women-Led Development’ की अवधारणा अधूरी रहेगी।
‘Whole of Government Approach’ को बनाया सफलता का मंत्र
गृह मंत्री ने ‘Whole of Government Approach’ को देश की नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन का आधार बताया। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे सार्वजनिक जीवन में “स्व से पर” का मंत्र अपनाएं और विकास के कार्यों को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का संकल्प लें।
नए आपराधिक कानून: न्याय प्रणाली को मिलेगा नया आयाम
अमित शाह ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनसे दोष सिद्धि दर 90% तक पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि 3 साल में FIR से सुप्रीम कोर्ट तक का न्याय सुनिश्चित होगा, जिससे भारत की न्याय प्रणाली विश्व की सबसे आधुनिक प्रणाली बन जाएगी।
आर्थिक सुधार और नई शिक्षा नीति पर जोर
GST को भारत की आर्थिक धुरी बताते हुए गृह मंत्री ने ‘Make in India’ को देश का गौरव बनने वाला पहल बताया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का मंच देगी और मातृभाषा में शिक्षा उनकी सोचने और तर्क क्षमता को बढ़ाएगी।
आतंकवाद, नक्सलवाद और उग्रवाद के खिलाफ सख्त नीतियां
अमित शाह ने दावा किया कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह अंत कर दिया जाएगा। उन्होंने मोदी सरकार की सख्त नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि बीते 10 वर्षों में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और नारकोटिक्स के मोर्चे पर बड़ी सफलताएं मिली हैं।
‘विकास भी, विरासत भी’: भारत के गौरव का आह्वान
गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के “विकास भी, विरासत भी” मंत्र को दोहराते हुए अधिकारियों से भारतीय परंपरा, खान-पान और वेशभूषा को अपनाने का आह्वान किया।
चिंता नहीं, चिंतन करें: शाह का जीवन मंत्र
अमित शाह ने अधिकारियों को योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह देते हुए कहा कि “चिंता सोचने की क्षमता कम करती है।” उन्होंने समस्याओं के समाधान के लिए माइक्रो प्लानिंग, मिड-टर्म रिव्यू और फॉलो-अप की प्रक्रिया अपनाने पर जोर दिया।
समारोह का संदेश
यह संबोधन केवल प्रेरणा का स्रोत नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए एक स्पष्ट रोडमैप था। अमित शाह का यह संदेश युवा अधिकारियों को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करता है।