केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में कहा है कि आने वाले महीनों में विभिन्न त्योहारों के साथ ही साथ धार्मिक यात्राओं में एक ही स्थान पर बड़ी संख्या में लोगों की मिलने जुलने की अधिक सम्भावना है। जिसके चलते केंद्र राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बड़े समारोहों और धार्मिक यात्राओं में शामिल होने वाले लोगों में संक्रमण का कोई लक्षण न हो और साथ ही उनका पूर्ण टीकाकरण हो चुका हो।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस तरह के समारोह में कोरोना वायरस ही नहीं अपितु अन्य संक्रामक बीमारियों के संभावित स्रोत साबित हो सकते हैं। उन्होंने आगे कहा है कि, यद्यपि कि इस साल की शुरुआत की तुलना में संक्रमण में काफी गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन हाल के दिनों में कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों को लिखा पत्र
राजेश भूषण ने आगे कहा है कि त्योहारों और धार्मिक यात्राओं में अपने राज्य के साथ ही दूसरे राज्यों के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। जगह-जगह विभिन्न संगठनों और स्वयंसेवकों द्वारा उनके ठहरने के लिए बड़े-बडे़ पंडाल लगाए जाते हैं। इस तरह एक जगह विभिन्न क्षेत्रों के लोग जमा होते हैं, ऐसे में इन स्थानों से कोरोना समेत संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका है। इसलिए सरकारी तंत्र की तरफ से इसका बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए कि इन समारोहों में शामिल होने वाले लोग खुद ही अपनी सेहत की जांच कर लें और अगर टीका नहीं लगवाएं हैं तो लगवा लें।
विशेष टीकाकरण अभियान और यात्रा मार्ग में एंबुलेंस की हो उचित व्यवस्था
अगर जरूरी हो तो ऐसे लोगों को प्राथमिक और सतर्कता डोज लगाने के लिए प्रशासन की तरफ से विशेष अभियान भी चलाया जाए। बता दें कि अमरनाथ यात्रा 30 जून से और रथ यात्रा एक जुलाई से शुरू हो रही है। भूषण ने जांच, पहचान, उपचार, टीकाकरण और कोरोना रोधी व्यवहार संबंधी पांच सूत्रीय रणनीति अपनाने पर जोर दिया है। धार्मिक यात्रा वाले मार्गो में स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस की तैनाती भी सुनिश्चित करने को कहा है।