“अब पानी भी बहेगा शर्तों पर!” — भारत की पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी, सिंधु जल संधि अस्थायी रूप से स्थगित

photo- bbc

 

 

 

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों पुराने सिंधु जल समझौते पर एक नया मोड़ आ गया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत ने पाकिस्तान को कूटनीतिक स्तर पर करारा जवाब देते हुए सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से स्थगित करने का निर्णय लिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने दो टूक कहा है — “आतंकवाद रुकेगा, तभी पानी बहेगा।”

भारत का स्पष्ट संदेश:

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस वार्ता में कहा कि यह संधि विश्वास और शांति की भावना से की गई थी, लेकिन पाकिस्तान की लगातार आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीति इसके मूल उद्देश्यों के विपरीत है। उन्होंने कहा, “जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से नहीं छोड़ता, सिंधु जल समझौता लागू नहीं किया जाएगा।”

पाकिस्तान की भड़काऊ प्रतिक्रिया:

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने इस निर्णय को “एक्ट ऑफ वॉर” करार देते हुए कहा कि अगर पानी के बंटवारे पर सहमति नहीं बनी, तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं। साथ ही, उन्होंने एक बार फिर कश्मीर विवाद को मुद्दा बनाकर भ्रामक बयान दिए।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदलती रणनीति:

पिछले दिनों हुए सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की रणनीति अब पूरी तरह स्पष्ट हो चुकी है — सीमा पर करारा जवाब और कूटनीति में कड़ा रुख। सिंधु जल संधि को रोकना, पाकिस्तान पर आर्थिक और रणनीतिक दबाव बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

वैश्विक संदेश:

भारत का यह कदम केवल पाकिस्तान को चेतावनी नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक संकेत है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर सहनशीलता की नीति छोड़ चुका है।“अब बात बहते पानी की नहीं, बहती रणनीति की है।” भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि सद्भावना एकतरफा नहीं हो सकती और संधियां तब तक ही चलेंगी जब तक विश्वास बना रहेगा। पाकिस्तान को अब तय करना है — आतंक या अधिकार।

 
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