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मिलावट पर सख्ती! उत्तराखंड सरकार ने कुट्टू के आटे की बिक्री के लिए नए नियम लागू किए

 

 

 

– मिलावटी आटे से बीमारियों का खतरा, अब खुले में बिक्री पर रोक

TMP : उत्तराखंड सरकार ने नवरात्रि के दौरान उपवास में इस्तेमाल होने वाले कुट्टू के आटे की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सख्त गाइडलाइन जारी की है। अब कोई भी विक्रेता खुले में कुट्टू का आटा नहीं बेच सकेगा, केवल सील पैक आटे की ही बिक्री होगी।

पैकेजिंग और लेबलिंग के नए नियम

खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अनुसार, हर पैकेट पर पिसाई की तिथि, पैकेजिंग की तिथि और एक्सपायरी डेट अंकित करना अनिवार्य होगा। साथ ही, विक्रेता का वैध खाद्य लाइसेंस नंबर भी दर्ज करना जरूरी है।

बिना लाइसेंस बिक्री पर होगी कार्रवाई

बिना वैध लाइसेंस के कुट्टू का आटा और बीज बेचना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। सभी विक्रेताओं को खरीद और बिक्री का रिकॉर्ड रखना होगा। नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

खाद्य सुरक्षा जांच में 6 सैंपल फेल, खतरनाक तत्व पाए गए

खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा लिए गए कुट्टू के आटे के 6 नमूने जांच में फेल हो गए। इनमें मायकोटॉक्सिन और फंगस जैसे खतरनाक तत्व पाए गए, जो सेहत के लिए गंभीर खतरा हैं। देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश, लक्सर और ऊधमसिंहनगर में कई प्रतिष्ठानों से लिए गए नमूने असुरक्षित पाए गए।

उपभोक्ताओं के लिए अलर्ट: खरीदारी में बरतें सावधानी

सरकार ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे केवल सील पैक और प्रमाणित आटा ही खरीदें। पैकेट पर निर्माण और एक्सपायरी तिथि, लाइसेंस नंबर और अन्य विवरणों की जांच करें। संदेहास्पद उत्पाद मिलने पर तुरंत शिकायत करें।

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