देहरादून: उत्तराखंड में ग्रामीण विकास योजनाओं को प्रभावी बनाने के लिए 7वें कॉमन रिव्यू मिशन (CRM) की बैठक विधानसभा भवन में आयोजित की गई। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और सीआरएम प्रमुख संजय अग्रवाल (पूर्व कृषि सचिव, भारत सरकार) समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
योजनाओं में सुधार के लिए मांगे गए नवाचार सुझाव
कॉमन रिव्यू मिशन ने राज्य सरकार से ग्रामीण विकास, जलागम और पंचायती राज से जुड़ी योजनाओं में आवश्यक बदलावों के संबंध में सुझाव मांगे हैं। मिशन ने प्रत्येक योजना में कम से कम 5 इनोवेटिव सुधारों की सिफारिश की है, जिससे योजनाओं का क्रियान्वयन अधिक प्रभावी हो सके।
उत्तराखंड की विशेष परिस्थितियों के अनुसार सुधार पर जोर
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मनरेगा में सेवा क्षेत्र को जोड़ने और वाटरशेड प्रोग्राम को राज्य की जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार संशोधित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि योजनाओं में नीतिगत सुधार किए जाने चाहिए ताकि स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अधिकतम लाभ मिल सके।
ग्रामीण विकास मिशन की कार्ययोजना
7वां कॉमन रिव्यू मिशन 18 फरवरी से 2 मार्च तक विभिन्न राज्यों का दौरा करेगा, जिसमें उत्तराखंड भी शामिल है। मिशन का नेतृत्व पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल कर रहे हैं। इस दौरान वरिष्ठ शिक्षाविदों और विशेषज्ञों समेत 36 सदस्यीय टीम उत्तराखंड सहित 9 राज्यों का दौरा करेगी।
सीआरएम टीम का दौरा और रिपोर्टिंग प्रक्रिया
21 फरवरी – मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य अधिकारियों के साथ ब्रीफिंग सेशन।
22 से 24 फरवरी – दो समूहों में बंटकर दो जिलों का दौरा।
25 फरवरी – सचिवालय में डीब्रीफिंग सेशन, जहां ग्राम्य विकास सचिव की अध्यक्षता में रिपोर्ट पेश की जाएगी।
बेहतर सेवा वितरण पर रहेगा फोकस
सीआरएम का उद्देश्य ग्रामीण विकास कार्यक्रमों का मूल्यांकन कर बेहतर सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए सुझाव देना है। साथ ही, योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं और चुनौतियों का विश्लेषण कर समाधान की दिशा में ठोस पहल की जाएगी।