देहरादून में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन ने प्रवासी उत्तराखंडियों के दिलों में अपनी मिट्टी से जुड़ने का जुनून भर दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस आयोजन का शुभारंभ करते हुए उत्तराखंड को निवेश और विकास का नया केंद्र बनाने की अपनी योजनाएं साझा कीं।
मुख्यमंत्री ने प्रवासियों को संबोधित करते हुए साहसिक पर्यटन, कृषि, आयुष, हर्बल और वैलनेस जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए उत्तराखंड को “ड्रीम डेस्टिनेशन” बताया। उन्होंने कहा कि राज्य की समृद्धि के लिए पलायन की समस्या का समाधान आवश्यक है और प्रवासियों से अपने गांव गोद लेने का आह्वान किया।
सम्मेलन में प्रवासी उत्तराखंडियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे उनके बचपन की पगडंडियां अब विकास के राजमार्ग बन चुकी हैं। गिरीश पंत, अनीता शर्मा, देव रतूड़ी, और अन्य प्रवासियों ने मुख्यमंत्री की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह सम्मेलन उन्हें अपनी जड़ों से जुड़ने और मातृभूमि के लिए योगदान करने का एक सुनहरा मौका दे रहा है।
सम्मेलन में सांस्कृतिक विरासत, महिला सशक्तिकरण और राज्य की उपलब्धियों का उत्सव भी मनाया गया। “हाउस ऑफ हिमालयाज” ब्रांड के उत्पादों की प्रदर्शनी ने महिला स्वयं सहायता समूहों की मेहनत और राज्य की समृद्धि की झलक पेश की।
मुख्यमंत्री धामी ने 2025 को उत्तराखंड का मील का पत्थर बताया, जिसमें राज्य अपना रजत जयंती वर्ष और राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करेगा। उन्होंने प्रवासियों से आग्रह किया कि वे अपनी तकनीक, अनुभव और ज्ञान से राज्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।
सम्मेलन में मातृभाषा में दिए गए संबोधनों ने जहां दिल छू लिया, वहीं प्रवासी उत्तराखंडियों के समर्पण ने मातृभूमि से उनके अटूट रिश्ते को फिर से परिभाषित किया।