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राज्य स्थापना दिवस पर ऐतिहासिक जश्न: देवभूमि रजतोत्सव में संस्कृति, विकास और समर्पण की अनूठी झलक

 

 

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य के स्थापना दिवस को इस वर्ष एक ऐतिहासिक और भव्य रूप में मनाने की तैयारी है। 6 से 12 नवंबर तक चलने वाले ‘देवभूमि रजतोत्सव: उत्तराखंड रजतगाथा’ के रूप में इस पर्व का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेश के विकास, सांस्कृतिक धरोहर, और आमजन की भागीदारी का उत्सव मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई, जिसमें सभी वर्गों को इस महोत्सव में शामिल करने पर जोर दिया गया।

राज्य स्थापना दिवस का भव्य आयोजन

मुख्यमंत्री धामी के निर्देशानुसार, 6 नवंबर को दिल्ली में उत्तराखंड भवन का लोकार्पण होगा। इसके बाद, 7 नवंबर को देहरादून में उत्तराखंड प्रवासी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर देहरादून में ‘उत्तराखंड रजतगाथा’ का शुभारंभ किया जाएगा, और यह महोत्सव अगले एक वर्ष तक जारी रहेगा, जिसका समापन 2025 में कुमाऊं मंडल में किया जाएगा।

सभी वर्गों की भागीदारी पर जोर

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस महोत्सव में उत्तराखंड के हर वर्ग को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा, “चाहे युवा हों, महिलाएं हों, किसान, कारीगर, पर्यावरणविद या राज्य आंदोलनकारी—सभी को इस ऐतिहासिक आयोजन में सक्रिय भागीदार बनाया जाए।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तराखंड की विकासगाथा में सभी की भूमिका अहम है, और राज्य के हर क्षेत्र में तेजी से हो रही तरक्की को इस अवसर पर उजागर किया जाएगा।

प्रेरक कार्यक्रम और सांस्कृतिक आयोजन

मुख्यमंत्री धामी ने इस महोत्सव के तहत विविध गतिविधियों के आयोजन का आह्वान किया, जिनमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिताएं, और क्विज प्रतियोगिताएं शामिल होंगी। इसके अलावा, विशेष सम्मेलन और शिविर जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जो महिलाओं, किसानों, वेंडरों, स्वच्छकारों, युवाओं और प्रवासियों के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए हैं। इन सभी कार्यक्रमों का उद्देश्य उत्तराखंड की प्रगति और समृद्धि में सभी की भागीदारी सुनिश्चित करना है।

मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को लेकर कहा, “हम चाहते हैं कि सभी लोग उत्तराखंड की विकासगाथा में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएं और इस महोत्सव के माध्यम से राज्य की तरक्की की यात्रा को न केवल महसूस करें, बल्कि उसे आगे बढ़ाने में भी योगदान दें।”

इस भव्य आयोजन में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे, जिन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया। देवभूमि रजतोत्सव: उत्तराखंड रजतगाथा न केवल उत्तराखंड के सांस्कृतिक वैभव को प्रदर्शित करेगा, बल्कि राज्य की विकास यात्रा को भी एक नई पहचान देगा।

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