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उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन: मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित बूढ़ाकेदार क्षेत्र का किया स्थलीय निरीक्षण

एएनआई, टिहरी गढ़वाल। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज टिहरी गढ़वाल जिले के बूढ़ाकेदार क्षेत्र में भारी बारिश (Heavy Rain) और भूस्खलन (Landslide) से प्रभावित तिंगाढ़-तोली क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से भी बातचीत की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने विनयखाल राहत शिविर में प्रभावितों से बातचीत की। अधिकारियों को राहत कार्य तेजी से करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इस दौरान विनय खाल आपदा राहत शिविर में प्रभावितों से बात की और उनकी समस्याएं सुनी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा आपदा के दिन से ही लगातार स्थिति की जानकारी प्राप्त की जा रही है। उन्होंने आपदा में हुई जनहानि पर गहरा शोक संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति तथा पीड़ित परिवार को इस दुख की घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की।

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के प्रयासों को सराहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण प्राकृतिक आपदाएं हमेशा चुनौतियां बनकर आती हैं। इससे पूर्व तैयारी के साथ-साथ आपदा के समय सजगता और सतर्कता से कम से कम समय में आपदा पर काबू पाना जरूरी होता है, जिसका परिचय जिला प्रशासन ने दिखाया है। उन्होंने पीड़ितों को त्वरित राहत प्रदान करने के जिला प्रशासन के प्रयासों की भी सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में भारत सरकार, राज्य सरकार प्रभावितों के साथ खड़ी है। तिनगढ़ गांव के विस्थापन की कार्रवाई शुरू हो गई है। अन्य गांव का सर्वे कर योजना बनाकर कार्य किया जाएगा।

आपदा से क्षतिग्रस्त हुए सुरक्षा दीवार, स्कूल, पुल, तटबंध आदि कार्यों को शीघ्रता से किया जाएगा। आपदा सुरक्षा कार्यों में धन की कमी आड़े नहीं आएगी। उन्होंने आपदा के इस कठिन समय में धैर्य से एक दूसरे का सहयोग करने की बात कही।

आपदा की इस घड़ी में हर संभव मदद करने का निर्देश

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को खतरे की जद में आने वाले मकानों को लेकर सजग रहने के निर्देश दिए। आपदा की इस घड़ी में जनप्रतिनिधियों को भी हर संभव मदद करने को कहा। आपदा प्रभावितों को कोई दिक्कत न हो तथा उनके जन जीवन को पूर्व की भांति पटरी पर लाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि तिनगढ़ गांव के पुनर्वास/विस्थापन के लिए भूगर्भीय सर्वे कर लिया गया है, और सैद्धान्तिक मंजूरी मिल चुकी है। भूमि चिह्नीकरण की कार्यवाही की जा रही है। जमीन उपलब्धता के आधार पर धीरे-धीरे लोगों का पुनर्वास किया जायेगा। 

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विस्थापन के लिए प्रशासन ने झोंकी पूरी ताकत 

भारी भूस्खलन से तबाह हुए तिनगढ़ गांव में सबसे बड़ी चुनौती विस्थापन की है। ग्रामीणों को ज्यादा दिन तक राहत शिविर में भी नहीं रखा जा सकता है। विस्थापन के लिए प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है। एक सप्ताह में विस्थापन संबंधी कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

 

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