आज से पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ महाभियान की शुरुआत हो गयी है। केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक से बने 19 आइटम्स पूरी तरह से बैन कर दिये हैं। बैन की गई वस्तुओं को बनाने वाले और बेचने पर पर्यावरण एक्ट धारा 15 के तहत 7 साल की जेल और 1 लाख तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
पर्यावरण पर दिन ब दिन बढ़ते दुष्प्रभावों को देखते हुए केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगा दी है। सरकार का मानना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को कम करने से कचरे में भी कमी आएगी। साथ ही कई बीमारियों से भी जनता को राहत मिलेगी। सरकार ने अपने इस फैसले में 19 चीजों पर प्रतिबंध लगाया है। जिससे प्लास्टिक से बनी कई चीजें बंद हो जाएंगी। जिनका प्रयोग हम अपने दैनिक कार्यो में करते हैं।
राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष होंगे स्थापित
इस फैसले को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाएंगे। जिसमें अधिकारियों की टीम को प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं के अवैध उत्पादन और उपयोग पर नियंत्रण की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने ,19 चीजों पर लगाई रोक
केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम के तहत 19 वस्तुओं की एक लिस्ट भी जारी की है। इन प्रतिबंधित वस्तुओं की लिस्ट में थर्माकोल से बनी प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, मिठाई के बक्सों पर लपेटी जाने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट की फिल्म, प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारे की छड़ें और आइसक्रीम पर लगने वाली स्टिक, क्रीम, कैंडी स्टिक और 100 माइक्रोन से कम के बैनर शामिल हैं।
आखिर प्रतिबंध क्यो जरूरी है?
केंद्र सरकार के मुताबिक 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 34 लाख टन कूड़ा सिंगल यूज प्लास्टिक से पैदा हुआ था। सिंगल यूज प्लास्टिक की चीजें न तो डी कम्पोज होती हैं और न इन्हें जलाया जा सकता है। क्योकि इनसे हानिकारक गैस निकलती है जो पर्यावरण को भारी नुकसान पहुँचाती है।
आखिर विकल्प क्या?
सिंगल यूज प्लास्टिक के बैन होने के बाद हम कई चीजो को उनके विकल्प के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे, थर्माकोल की प्लेट और कटोरियों की जगह कागज या पत्तों से बनी प्लेट और कटोरी उपयोग में लायी जा सकती है। इसके अलावा प्लास्टिक की चम्मच की जगह लकड़ी की चम्मच ले सकती है। इसके मिट्टी के पारंपरिक बर्तनों का भी विकल्प के रूप में उपयोग कर सकते हैं।