नई दिल्ली: भारत की युवा शक्ति को खेलों के माध्यम से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मोदी सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने युवा मामले और खेल मंत्रालय को रिकॉर्ड 3794 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। यह अब तक का सबसे बड़ा आवंटन है, जिससे देश में खेल अधोसंरचना और खिलाड़ियों को सीधे लाभ मिलेगा।
इसमें से 1000 करोड़ रुपये अकेले ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम के लिए निर्धारित किए गए हैं। 2016 में शुरू हुई इस योजना के तहत अब तक 300 से अधिक खेल परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं और 1000 से ज्यादा खेलो इंडिया केंद्र देशभर में सक्रिय हैं।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स, पैरा गेम्स और यूनिवर्सिटी गेम्स ने हजारों युवा खिलाड़ियों को प्रतिभा दिखाने का मंच दिया है, जबकि कीर्ति योजना और टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) ने ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों के लिए उभरती प्रतिभाओं को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वहीं, फिट इंडिया मूवमेंट ने फिटनेस को देशव्यापी अभियान में बदल दिया है, जिससे करोड़ों युवा स्वस्थ जीवनशैली की ओर प्रेरित हुए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बजट आवंटन भारत को खेल महाशक्ति बनाने की दिशा में एक बड़ी छलांग है, जो न केवल अंतरराष्ट्रीय पदकों की राह खोलेगा, बल्कि युवाओं में आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को भी मजबूत करेगा।