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बीज से बाजार तक” की क्रांति: मोदी सरकार के 11 वर्षों में कृषि बनी आत्मनिर्भर भारत की रीढ़

 

 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते ग्यारह वर्षों में भारतीय कृषि क्षेत्र ने चुपचाप लेकिन गहराई से एक मौन क्रांति का अनुभव किया है। जहां पहले किसान केवल अन्नदाता की भूमिका में थे, वहीं अब वे विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदार बन चुके हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू से ही यह स्पष्ट कर दिया था कि यदि भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है, तो किसानों को सशक्त करना ही पहला कदम होगा। उन्होंने कृषि को विज्ञान, तकनीक और अनुसंधान से जोड़ते हुए इसे “बीज से बाजार” तक की रणनीति के साथ नई दिशा दी।

आंकड़े इस बदलाव की गवाही देते हैं:

संबद्ध क्षेत्रों में भी बड़े सुधार:

आज का भारतीय किसान सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं है, बल्कि वह आत्मनिर्भर भारत की नींव रख रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की कृषि-केंद्रित नीति, तकनीक और भरोसे की त्रिशक्ति ने कृषि क्षेत्र की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल दी है।

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