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ड्रोन टेक्नोलॉजी में उत्तराखंड बनेगा अग्रणी: सूर्या ड्रोन टेक-2025 में CM धामी का बड़ा विजन -‘डिफेंस प्रोडक्शन हब’ की ओर बढ़ते कदम

 

 

TMP: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य को रक्षा विनिर्माण और ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में देश का अग्रणी केंद्र बनाने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि राज्य सरकार टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को प्रोत्साहन देने के लिए व्यापक नीति निर्माण कर रही है। मुख्यमंत्री मंगलवार को देहरादून छावनी के जसवंत ग्राउंड में आयोजित दो दिवसीय “सूर्या ड्रोन टेक-2025” कार्यक्रम में शामिल हुए और ड्रोन प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

भारतीय सेना की सेंट्रल कमांड और सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (SIDM) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस मेगा इवेंट में अत्याधुनिक ड्रोन तकनीक और उनके सैन्य उपयोगों का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी तकनीकों को बढ़ावा देना है।

सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड का भौगोलिक दृष्टिकोण इसे ड्रोन तकनीक के लिए एक उपयुक्त स्थल बनाता है, खासकर आपदा राहत, सीमा प्रबंधन, कृषि और नागरिक उद्देश्यों में इसका उपयोग अत्यंत प्रभावी साबित हो सकता है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड का युवा न केवल ड्रोन उड़ाना सीखे, बल्कि ड्रोन बनाना और तकनीकी समाधान विकसित करना भी जाने।”

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की नई औद्योगिक नीतियों में रक्षा उत्पादन और टेक इनोवेशन को विशेष प्राथमिकता दी गई है। “सूर्या ड्रोन टेक-2025 विज्ञान, प्रतिभा और तकनीकी नवाचार का संगम है, जो न केवल आधुनिक उपलब्धियों का प्रदर्शन करता है, बल्कि युवाओं को प्रेरणा और अवसर भी प्रदान करता है,” उन्होंने कहा।

उन्होंने भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की सराहना करते हुए कहा कि ड्रोन तकनीक आज शिक्षा से लेकर सुरक्षा और कृषि से लेकर आपदा प्रबंधन तक, हर क्षेत्र में क्रांति ला रही है। “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत रक्षा और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में वैश्विक पहचान बना रहा है, और उत्तराखंड इसमें अपनी मजबूत भूमिका सुनिश्चित करेगा,” मुख्यमंत्री ने जोड़ा।

कार्यक्रम में सेना की मध्य कमान, SIDM के अधिकारी, ड्रोन टेक्नोलॉजिस्ट, स्टार्टअप्स, MSMEs, NCC कैडेट्स और स्कूली छात्र बड़ी संख्या में मौजूद रहे। कार्यक्रम ने उत्तराखंड को ड्रोन और रक्षा उत्पादन के नए केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में मजबूत संकेत दिए हैं।

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