TMP: कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर सुरक्षा अलर्ट तेज कर दिया गया है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने पंजाब के सीमावर्ती जिलों में किसानों को 48 घंटे के भीतर अपनी फसल की कटाई पूरी करने और खेतों को खाली करने का आदेश दिया है। चेतावनी दी गई है कि तय समय के बाद सीमा द्वार अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
यह निर्देश अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों के गांवों में गुरुद्वारों और सार्वजनिक स्थलों पर मुनादी के जरिए जारी किए गए। 45,000 एकड़ में खेती कर रहे हजारों सीमावर्ती किसानों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है, खासकर ऐसे समय में जब हाल ही में हुई बारिश ने फसल कटाई में देरी कर दी थी।
‘राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि’ — बीएसएफ
बीएसएफ अधिकारियों ने कहा कि फसलों की मौजूदगी सीमा पार से संभावित घुसपैठ के दौरान छिपने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम किसानों की चिंताओं को समझते हैं, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है।”
फिलहाल सीमावर्ती क्षेत्रों में किसानों से आग्रह किया गया है कि वे तुरंत खेतों को साफ करें ताकि सुरक्षा बलों की गश्त और निगरानी में कोई बाधा न आए।
किसानों की चिंता: चारे का संकट
भंगाला गांव के किसान रघबीर सिंह ने कहा, “मवेशियों के चारे के लिए भूसा बेहद जरूरी है। अगर खेतों से फसल उठाने का समय नहीं मिला तो पूरे साल के लिए संकट खड़ा हो जाएगा। हमें जब तक संभव हो, खेतों में काम करने दिया जाना चाहिए।”
कई किसानों के अनुसार, गेहूं की प्राथमिक कटाई तो हो चुकी है, लेकिन भूसे का संग्रहण अभी बाकी है, जो सीमावर्ती गांवों की जीवनरेखा है।
सीमा पर बढ़ती हलचल
बीएसएफ का यह निर्देश ऐसे समय आया है जब रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान ने जम्मू क्षेत्र की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रेंजर्स और अतिरिक्त बलों की तैनाती बढ़ा दी है। कठुआ, सांबा और जम्मू जिलों के सामने पाकिस्तान की गतिविधियों को लेकर भारतीय एजेंसियों ने निगरानी और सतर्कता बढ़ा दी है।
पृष्ठभूमि: पहलगाम हमला और तनाव
पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर पर तनाव चरम पर पहुंच गया है। कई प्रमुख सीमा चौकियों को बंद कर दिया गया है और दोनों देशों के बीच संवाद लगभग ठप हो चुका है।