TMP : उत्तराखंड सरकार द्वारा अवैध मदरसों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान ने जोर पकड़ लिया है। पिछले डेढ़ महीने में अब तक 173 अवैध मदरसे सील किए जा चुके हैं, और यह सिलसिला लगातार जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ संकेत दिए हैं कि राज्य में किसी भी असंवैधानिक, अवैध या समाज को तोड़ने वाली गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राज्य में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड में 452 मदरसे ही पंजीकृत हैं, लेकिन हालिया सर्वे से पता चला है कि 500 से अधिक मदरसे अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। ये न तो बोर्ड में पंजीकृत हैं और न ही सरकारी मानकों या शैक्षिक मापदंडों का पालन करते हैं।
अवैध मदरसों पर सरकार की बड़ी कार्रवाई
मार्च 2025 से चलाए गए सघन सर्वे और छानबीन अभियान के बाद अब तक 173 मदरसे सील किए गए हैं, जिनमें से कई की गतिविधियां संदिग्ध और बिना अनुमति के भवन निर्माण से जुड़ी पाई गईं।
जिलावार सील मदरसों की संख्या इस प्रकार है:
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ऊधम सिंह नगर: 65
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देहरादून: 44
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हरिद्वार: 43
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नैनीताल: 18
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पौड़ी: 02
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अल्मोड़ा: 01
हवाला फंडिंग की भी जांच
सरकार केवल पंजीकरण तक ही सीमित नहीं है। अवैध मदरसों की फंडिंग के स्रोत, विशेषकर हवाला नेटवर्क से जुड़ाव की भी गहन जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां-जहां नियमों का उल्लंघन मिलेगा, कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
पारदर्शिता और वैधता पर जोर
सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि हर शैक्षिक संस्था वैध रूप से पंजीकृत हो, संचालन में पारदर्शिता हो और ये किसी भी प्रकार की कट्टरता या उन्माद फैलाने का माध्यम न बनें।
मुख्यमंत्री का संदेश:
“उत्तराखंड को किसी भी कीमत पर अवैध गतिविधियों का अड्डा नहीं बनने दिया जाएगा। यह सरकार पारदर्शिता, वैधता और सामाजिक सौहार्द को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।”