नई दिल्ली। भारत ने अपनी सादगी, विद्वता और निष्ठा के प्रतीक पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया। 92 वर्षीय सिंह ने गुरुवार रात 9 बजकर 51 मिनट पर एम्स, दिल्ली में अंतिम सांस ली। उन्हें हार्ट से संबंधित समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मनमोहन सिंह: एक अर्थशास्त्री से प्रधानमंत्री तक का प्रेरणादायक सफर
डॉ. मनमोहन सिंह का कार्यकाल भारत के आर्थिक सुधारों और राजनीतिक गरिमा के लिए याद किया जाएगा। 1991 के आर्थिक संकट में उन्होंने देश को नई दिशा दी। उदारीकरण के जनक के रूप में पहचाने जाने वाले सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
नेताओं ने किया महान नेता को नमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी निष्ठा को प्रेरणादायक बताते हुए श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेतृत्व समेत अन्य नेताओं ने भी उनके प्रति संवेदना व्यक्त की।
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“दूरदर्शी राजनेता और मानवता का चेहरा”
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने उन्हें दूरदर्शी राजनेता बताते हुए कहा, “वह अपने गरिमामय आचरण और आर्थिक विशेषज्ञता के लिए सदैव याद किए जाएंगे।”
समाज और राजनीति पर अमिट छाप
डॉ. सिंह के निधन से देश ने न केवल एक विद्वान नेता बल्कि राजनीति में गरिमा और सादगी का प्रतीक खो दिया। उनके विचार और योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहेंगे।
शोक में डूबा देश
राजनीतिक और सामाजिक जगत से जुड़े हर वर्ग ने इस महान नेता के जाने पर शोक व्यक्त किया। उनका शालीन और सादा व्यक्तित्व सदा याद किया जाएगा।