Site icon The Mountain People

मंदिर-मस्जिद विवादों पर मोहन भागवत की सख्ती, RSS ने ‘सभ्यतागत न्याय’ के नाम पर दिया नया तर्क!”

photo- indiatoday

 

 

 

TMP : मंदिर-मस्जिद विवादों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की नाराजगी के बाद संघ अब सफाई देता नजर आ रहा है। संघ से जुड़ी पत्रिका ‘ऑर्गनाइजर’ ने अपने ताजा संपादकीय में इस मुद्दे को ‘सभ्यतागत न्याय’ और ‘ऐतिहासिक सत्य’ की खोज बताया है।

सोमनाथ से संभल तक, सत्य की तलाश

‘ऑर्गनाइजर’ के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने लिखा, “सोमनाथ से लेकर संभल और उससे आगे, यह लड़ाई धार्मिक वर्चस्व का नहीं, बल्कि हमारी राष्ट्रीय पहचान की पुष्टि और ऐतिहासिक सत्य की खोज का विषय है।”

समाज को जोड़ने की बात, विवाद से बचने की सलाह

संपादकीय में स्पष्ट किया गया कि हिंदू-मुस्लिम विवाद बढ़ाने के बजाय सभी वर्गों को साथ लेकर एक समावेशी और विवेकपूर्ण बहस की आवश्यकता है। संघ का यह रुख विवादों को कम करने और सच्चाई सामने लाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

भागवत की नाराजगी का असर?

पिछले सप्ताह मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवादों के बढ़ते मामलों पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था, “अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग ऐसे मुद्दे उठाकर खुद को ‘हिंदुओं का नेता’ साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।”

अंबेडकर अपमान पर कांग्रेस का विरोध

इस बीच बीआर अंबेडकर के अपमान को लेकर कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के बीच संघ ने प्रदेश के ऐतिहासिक तथ्यों को उजागर करने की बात पर जोर दिया।

संघ के नए सुर का क्या होगा असर?

RSS ने इस पूरे मामले को ‘सभ्यतागत न्याय’ से जोड़ा है। अब देखना यह है कि संघ का यह रुख विवादों को थामने में सफल होगा या नए सिरे से बहस को जन्म देगा।

Exit mobile version