नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “डिजास्टर रेजिलिएंट भारत” के विजन को साकार करने के लिए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति ने 15 राज्यों में आपदा न्यूनीकरण और क्षमता निर्माण परियोजनाओं के लिए 1115.67 करोड़ रुपये की मंजूरी दी।
प्रमुख राज्यों के लिए स्वीकृत राशि
- उत्तराखंड: ₹139 करोड़
- हिमाचल प्रदेश: ₹139 करोड़
- पूर्वोत्तर के 8 राज्य: ₹378 करोड़
- महाराष्ट्र: ₹100 करोड़
- कर्नाटक और केरल: ₹72 करोड़ (प्रत्येक)
- तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल: ₹50 करोड़ (प्रत्येक)
भूस्खलन और शहरी बाढ़ जोखिम परियोजनाओं पर फोकस
समिति ने राष्ट्रीय भूस्खलन जोखिम न्यूनीकरण परियोजना के तहत ₹1000 करोड़ की लागत से 15 राज्यों में भूस्खलन के खतरे को कम करने की योजना को मंजूरी दी। इसके अलावा, शहरी बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण के लिए पहले ही सात शहरों में ₹3075.65 करोड़ की परियोजनाओं को हरी झंडी दी जा चुकी है।
सिविल डिफेंस को मिलेगी मजबूती
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए ₹115.67 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। यह पहल आपदाओं के दौरान बेहतर बचाव और राहत कार्य सुनिश्चित करेगी।
आपदा न्यूनीकरण में बड़े कदम
गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा जोखिम कम करने के लिए राष्ट्रीय आपदा शमन निधि (NDMF) और राज्य आपदा शमन निधि (SDMF) के जरिए इस साल अब तक ₹21,476 करोड़ से अधिक की राशि जारी की है।
डिजास्टर रेजिलिएंट भारत की ओर कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भारत आपदा प्रबंधन में अपनी क्षमताओं को मजबूत कर रहा है। आपदा जोखिम न्यूनीकरण के इन प्रयासों का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जान-माल के नुकसान को कम करना और बेहतर आपदा प्रबंधन प्रणाली को स्थापित करना है।