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उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने से केदारनाथ यात्रा बाधित, राहत कार्य जारी

उत्तराखंड के केदारघाटी में भारी बारिश के चलते लिनचोली के पास जंगलचट्टी में बादल फट गया है, जिससे रामबाड़ा, भीमबली और लिनचोली का रास्ता पूरी तरह बाधित हो गया है। जिला प्रशासन लगातार राहत एवं बचाव कार्य में जुटा हुआ है। एयर लिफ्ट में तेजी लाने के लिए वायु सेना का चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर शुक्रवार सुबह गौचर पहुंच गए हैं। एमआई-17 ने एक चक्कर में 10 लोगों को रेस्क्यू कर गौचर पहुंचा दिया है। भीमबली और लिनचोली से यात्रियों को एयर लिफ्ट करना शुरू कर दिया गया है। साथ ही मैनुअल रेस्क्यू भी लगातार जारी है। देर रात तक पैदल मार्ग से सोनप्रयाग पहुंचने वाले यात्रियों को सुरक्षित सोनप्रयाग बाजार तक पहुंचाया गया।

केदारनाथ यात्रा पड़ाव के गौरीकुंड से पहले मुनकटिया में भूस्खलन हुआ है। सोनप्रयाग में सुबह-सुबह उसी स्थान पर भारी भूस्खलन हुआ, जहां पर हाईवे पूरी तरह से बह गया है। कुछ देर के लिए रेस्क्यू कार्य रोका गया, लेकिन स्थिति ठीक होने पर रेस्क्यू अभियान फिर से शुरू किया गया। केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर कई जगह भूस्खलन होने से यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए केदारनाथ यात्रा फिलहाल रोक दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा की स्थिति पर संज्ञान लिया है और प्रधानमंत्री कार्यालय ने राज्य की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी स्थिति पर खुद नजर रखे हुए हैं।

बीते दिन भारी बारिश के चलते केदारनाथ यात्रा रूट पर दो पुल बहने के साथ ही गौरीकुंड में तप्तकुंड वॉश आउट हो गया है, जिससे केदारनाथ धाम की यात्रा रोक दी गई है। इसके अलावा, टिहरी जखन्याली में बादल फटने से एक होटल मलबे में बह गया, जिससे कई लोगों की मौत हो गई है। प्रदेश में भारी बारिश से कई जगहों पर आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।

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