उत्तराखंड में एक और बड़े घोटाले में सीबीआई की एंट्री हो गई है। बताया जा रहा है कि उद्यान विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले की जांच अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शुरू कर दी है। सीबीआई ने सीबीसीआईडी से घोटाले से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। मामले में अब जल्द ही सीबीआई अधिकारियों व कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर सकती है। वहीं सीबीआई के पास मामला पहुंचने से विभाग में हड़कंप मच गया है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार हाई कोर्ट ने उद्यान विभाग उत्तराखंड में करोड़ों के घोटाले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच के आदेश पारित हुए थे।खंडपीठ ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि यह एक खेदजनक स्थिति है। यहां राजनीतिक नेतृत्व सुधारात्मक व उपचारात्मक कदम उठाने के लिए उत्सुक दिखता है लेकिन नौकरशाही अपने पैर पीछे खींचती नजर आती है। जिसके बाद अब सीबीआई ने सीबीसीआईडी से घोटाले से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। सीबीआई की ओर से जांच शुरू करने के बाद से ही विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि, फिलहाल इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा। सीबीआई ने प्राथमिक जांच के आधार पर ही इसकी जांच आगे बढ़ा रही है।
वहीं मामले की सुनवाई के दौरान ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर सरकार ने उद्यान निदेशक एचएस बावेजा को निलंबित कर दिया था। याचिका में बावेजा पर आरोप था कि एक नकली नर्सरी अनिका ट्रेडर्स को पूरे राज्य में करोड़ों की पौध खरीद का कार्य देकर बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया। गौरतलब है कि अल्मोड़ा निवासी दीपक करगेती, गोपाल उप्रेती व अन्य ने जनहित याचिका दाखिल कर उद्यान विभाग में घोटाले का आरोप लगाया था। याचिकाओं में कहा गया था कि उद्यान विभाग में करोड़ों का घोटाला किया गया है। फलदार पौधों की खरीद में गड़बड़ियां की गई हैं। विभाग ने एक ही दिन में वर्कआर्डर जारी कर उसी दिन जम्मू कश्मीर से पौधे लाना दिखाया है। जिसका भुगतान भी कर दिया गया है। इसलिए प्रकरण में वित्तीय व अन्य गड़बड़ी की सीबीआई या फिर किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराई जाए।