देहरादून: नीति आयोग के स्टेट सपोर्ट मिशन (SSM) के तहत देहरादून में मंगलवार को एक क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसकी मेज़बानी उत्तराखंड के सेतु आयोग ने की। इस सम्मेलन में देश के 10 राज्यों के नीति-निर्माण से जुड़े प्रमुख संस्थानों और अधिकारियों ने भाग लिया।
सम्मेलन का उद्देश्य था – जमीनी स्तर पर असर डालने वाली नीतियों को बढ़ावा देना, राज्यों की जरूरतों के अनुसार डेटा-आधारित और सशक्त नीति निर्माण, और “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को पाने में राज्यों की भूमिका को केंद्र में लाना।
“विकसित भारत, विकसित राज्यों से ही बनेगा” – डॉ. वी.के. सारस्वत
सम्मेलन के मुख्य अतिथि डॉ. विजय सारस्वत (सदस्य, नीति आयोग) ने कहा कि “विकसित भारत” का सपना राज्यों के समग्र विकास से ही साकार हो सकता है। उन्होंने राज्य आधारित नीति निर्माण की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि नीति केवल केंद्र से नहीं, बल्कि स्थानीय ज़रूरतों के अनुरूप राज्यों से शुरू होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कई राज्यों में संसाधनों की कमी एक बड़ी चुनौती है, जिसे स्टेट सपोर्ट मिशन (SSM) जैसे कार्यक्रम दूर करने की दिशा में कार्यरत हैं। उन्होंने तथ्य आधारित निर्णय प्रणाली और उसकी प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
“GDP और विकास रणनीतियों में कौशल सबसे बड़ी कुंजी” – राज शेखर जोशी
सेतु आयोग के उपाध्यक्ष श्री राज शेखर जोशी ने अपने वक्तव्य में राज्यों की GDP बढ़ाने में कौशल विकास, टेक्नोलॉजी और योजनाओं की निगरानी को अहम बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के विजन के अनुरूप राज्यों को आपसी सहयोग और नवाचार पर आधारित रणनीति बनानी होगी।
“डेटा आधारित जिला योजना से उत्तराखंड को मिलेगा नया आयाम” – आनंद बर्धन
मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन ने डेटा-संचालित जिला योजना पर बल देते हुए कहा कि यह उत्तराखंड को विकसित और सशक्त राज्य बनाने में निर्णायक साबित होगी। उन्होंने सेतु आयोग से इस दिशा में तेजी से पहल करने की अपील की।
तकनीकी सत्रों में गवर्नेंस, डिजिटल बदलाव और साझा रणनीतियों पर मंथन
सम्मेलन में नीति आयोग, उत्तराखंड सरकार और अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने बेहतर गवर्नेंस, डिजिटल परिवर्तन, और कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी समन्वय पर गहन तकनीकी सत्रों में भाग लिया। विभिन्न राज्यों के SIT अधिकारियों के बीच साझा समस्याओं के समाधान और “बेस्ट प्रैक्टिसेस” साझा करने पर विशेष ध्यान दिया गया।
सेतु आयोग का उद्देश्य: नीतियों और ज़मीनी सच्चाई के बीच पुल
सेतु आयोग, उत्तराखंड का एक प्रमुख थिंक टैंक बनकर उभरा है, जो नीति अनुसंधान, नवाचार और प्रभावी योजना क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग ने कृषि, महिला सशक्तिकरण, ई-व्हीकल नीति, स्टार्टअप्स, शहरी प्रशासन और उच्च शिक्षा जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य आरंभ किया है।
इस क्षेत्रीय सम्मेलन में आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री शत्रुघन सिंह समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सम्मेलन ने न केवल राज्यों के सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम उठाया, बल्कि “विकसित भारत 2047” की राह में नीतिगत नवाचार और सहभागिता आधारित विकास की नींव भी मजबूत की।