श्री बद्रीनाथ धाम में चमकेगी सांस्कृतिक विरासत की अनूठी झलक, कैबिनेट ने कलाकृतियों और नई नीतियों को दी हरी झंडी

 

 

TMP: उत्तराखण्ड कैबिनेट की बैठक में आज बद्रीनाथ धाम के पुनर्विकास से लेकर राज्य कर्मचारियों और मानवाधिकार आयोग के सशक्तिकरण तक कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत क्षेत्र में चार विशेष कलाकृतियों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “ड्रीम प्रोजेक्ट” के तहत तैयार की जाएंगी।

धार्मिक और सांस्कृतिक सौंदर्य का विस्तार:

  • सुदर्शन चक्र की भव्य मूर्ति एराइवल प्लाज़ा पर स्थापित होगी।

  • शेषनेत्र कमल दीवार लेकफ्रंट क्षेत्र में बद्रीनाथ की दिव्यता में चार चांद लगाएगी।

  • सुदर्शन चौक कलाकृति टूरिज्म मैनेजमेंट सेंटर में स्थापित की जाएगी।

  • ट्री एंड रिवर स्कल्पचर बद्रीनारायण चौक को खास सांस्कृतिक पहचान देगी।

प्रशासनिक और सामाजिक सुधार:

  • विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक को विभागाध्यक्ष घोषित किया गया।

  • मानवाधिकार आयोग के ढांचे का पुनर्गठन करते हुए 12 नए पद सृजित किए गए।

  • NPS कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ देने का निर्णय भारत सरकार के समानान्तर किया गया।

  • वर्दीधारी सिपाही और उपनिरीक्षक भर्ती नियमावली 2025 को मंजूरी मिली।

सामाजिक न्याय की ओर कदम:

  • पर्यावरण मित्रों के आश्रितों को मृतक आश्रित नियमावली का लाभ अब मिलेगा, कैबिनेट ने पुरानी व्यवस्था में संशोधन किया।

नीतिगत बदलाव:

  • उत्तराखण्ड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति, 2024 में संशोधन कर वित्तीय व्यवस्था को सरल और व्यावहारिक बनाया गया है, ताकि एस्क्रो फंड खोलने में बैंकों की दिक्कतें दूर की जा सकें।

इन सभी निर्णयों से साफ है कि उत्तराखण्ड सरकार न केवल धार्मिक स्थलों के आधुनिकीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है, बल्कि राज्य के प्रशासनिक ढांचे, कर्मचारियों के हित और पर्यावरण व मानवाधिकार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी सशक्त करने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है।

 
 
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