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हिमालयन अभ्युदय सामाजिक संस्थान ने पण्डित  गोविन्द  बल्लभ  पंत की 136वीं जयन्ती को धूमधाम से मनाया 

आज  देहरादून में  भारत  रत्न  पण्डित  गोविन्द  बल्लभ  पंत की 136वीं जयन्ती के अवसर पर हिमालयन अभ्युदय सामाजिक संस्थान देहरादून  एवं भारत  रत्न  पण्डित  गोविन्द  बल्लभ  पंत जयंती समारोह समिति के संयुक्त  तत्वाधान में  उत्तराखंड संस्कृति विभाग के सहयोग से संस्कृति विभाग प्रेक्षागार में कार्यक्रम का आयो​जन किया गया। जिसमें परम सानिध्य के रूप में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्य अतिथि कृषि मंत्री गणेश जोशी, कार्यक्रम अध्यक्ष महिला आयोग की अध्यक्ष  कुसुम  कण्डवाल, और विशिष्ट अतिथि क रूप में पद्मश्री प्रेमचंद शर्मा ने शिरकत की।

पंत को श्रद्धांजलि देकर की गई कार्यक्रम की शुरूआत

हिमालयन अभ्युदय सामाजिक संस्थान और संस्कृति विभाग द्वारा संयुक्त रूप से गोविन्द बल्लभ  पंत की 136वीं जयन्ती कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में सभी अतिथियों द्वारा  संयुक्त रुप से दीप प्रज्जवलन एवं पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत के चित्र के सामने पुष्पाजंली अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

त्याग के प्रतिमूर्ति थे पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत— भगत

इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत जी त्याग के प्रतिमूर्ति थे।  स्वतन्त्रता आन्दोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पण्डित जी दार्शनिक, न्यायविद्, न्यायवेत्ता,  दूरदृष्टा  के साथ ही कुशल राजनेता थे, उन्होंने कठिनाइयों की परवाह न कर समपर्ण भावना से राष्ट्र हित में कार्य किया। उन्होंने कहा वे सदैव आशावादी रहे। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि जीवन में सदा आशावादी रहना चाहिए। यही नहीं वह कहा करते थे कि युवाओं के चेहरे हताश-निराश नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि पण्डित गोविन्द बल्लभ  पंत हिमालय के समान शान्त, अडिग, स्थिर एवं आध्यात्मिक राष्ट्र नायक थे।

ऐतिहासिक रहा पंत जी का सफर

वहीं पं गोविंद बल्लभ पंत को याद करते हुए प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी एवं सामाजिक सरोकारों के संरक्षण के प्रतिमूर्ति थे, उत्तराखण्ड के सुदूर अल्मोडा से निकलकर विश्व के सबसे बड़े लोकतत्रं के मन्दिर तक का उनका ऐतिहासिक सफर संघर्षों, समर्पण, श्रद्धा एवं राष्ट्र के प्रति समर्पण को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से सीखना होगा कि विषम परिस्थितियों में कैसे जिया जाता है,यही नहीं इस दौरान मंत्री गणेश जोशी ने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे जनहित के कार्यों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जब 25 वर्ष की आयु को पूर्ण करेगा तब हम जैविक उत्पादन में देश के अन्य राज्यों को पछाड़ देगें।

नशे से दूर रहकर देश के विकास की दिशा में करें कार्य

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कुसुम कंडवाल ने कहा कि गोविंद बल्लभ पंत कानून के जानकार थे आजादी के कालखंड में जब देशभक्तों पर ब्रिटिश सरकार फर्जी तरीके से  मुकदमे दर्ज करती थी| तो उस समय पंत  बेबाकी से उनका केस लड़ते थे|  उनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व आज के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है | उन्होंने युवाओं से आवाहन किया कि सशक्त उत्तराखंड के निर्माण में सशक्त युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहने वाली है इसलिए युवाओं को नशे से दूर रहकर देश के विकास की दिशा में कार्य करें |

ये लोग रहे मौजूद

कार्यक्रम में हिमालयन अभ्युदय सामाजिक संस्थान की सचिव डॉक्टर भावना बोरा,  भाजपा प्रदेश मंत्री आदित्य चौहान, कार्यक्रम संचालक डॉक्टर नवीन पंत, साक्षी शंकर,  प्रभात कुमार सिंह,  शमशेर सिंह,  पंकज चौहान आदि मौजूद रहे |

 

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