देहरादून- उत्तराखंड राज्य के जोशीमठ में जमीन धंसने और घरों की दीवारों में दरार आने से स्थानीय लोग दहशत में हैं। भूधंसाव का ख़ौफ़ के चलते लोगों की रातों की नींद हराम हो गयी है और वो डर के साये जिंदगी जी रहें हैं। जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने राज्य सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है।
गुरुवार को भूधंसाव को लेकर स्थानीय लोगों का गुस्सा इसकदर फूटा कि प्रभावितों ने बद्रीनाथ हाईवे पर जाम कर दिया। सड़क में लम्बे समय तक जाम लगने से गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई ।साथ ही स्थानीयों लोगों ने अब चक्का जाम का एलान किया है। आपको बता दें कि इससे पहले भी बीती शाम बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने मशाल जलाकर विरोध प्रदर्शन भी किया था।
सीएम धामी करेंगे ,जोशीमठ का दौरा
स्थानीयों लोगों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी जल्द ही जोशीमठ का दौरा भी करेंगे। सीएम धामी ने कहा, “मैं कुछ दिनों में जोशीमठ का दौरा करूंगा। स्थिति को संभालने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे। मैंने स्थिति की निगरानी के लिए नगर निगम के अध्यक्ष शैलेंद्र पवार से बात की है।”
8 सदस्यों की टीम करेगी निरीक्षण
पुरानी रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार द्वारा बीते साल अगस्त माह में भी विशेषज्ञों के दल को जोशीमठ भेजा गया था। निरीक्षण के बाद दल ने सितंबर में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि जोशीमठ मुख्य रूप से पुराने भूस्खलन क्षेत्र के ऊपर बसा है। ऐसे क्षेत्रों में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था न होने की स्थिति में भूमि में समाने वाले पानी के साथ मिट्टी बहने से कई बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। रिपोर्ट में जोशीमठ में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करने, अलकनंदा नदी से हो रहे भूकटाव की रोकथाम को कदम उठाने, नालों का चैनलाइजेशन व सुदृढ़ीकरण करने, धारण क्षमता के अनुरूप निर्माण कार्यों को नियंत्रित करने के सुझाव दिए गए थे।
3 हजार से ज्यादा लोग प्रभावितनगर निगम के चेयरमैन शैलेंद्र पवार ने कहा कि मारवाड़ी वार्ड में जमीन के अंदर पानी का रिसाव होने से घरों में दरारें आ गईं। उन्होंने बताया कि जोशीमठ के 576 घरों के 3 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, “नगर पालिका द्वारा सभी घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। कई लोगों ने अपना घर भी छोड़ दिया है।”