देहरादून: योग को जन आंदोलन बनाने की दिशा में उत्तराखंड ने एक और सशक्त कदम बढ़ाया है। रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के एम.के.पी. कॉलेज में आयोजित ‘रन फॉर योगा’ कार्यक्रम में सहभागिता कर सभी वर्गों को योग के प्रति जागरूक किया। गांधी पार्क से कॉलेज तक हुए पैदल मार्च में सीएम खुद आमजन के साथ शामिल हुए, जिससे कार्यक्रम में उत्साह चरम पर रहा।
योग: उत्तराखंड की आत्मा, विश्व की संजीवनी
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि योग ऋषियों की वह अद्भुत विद्या है, जो शरीर, मन और आत्मा को एक सूत्र में पिरोती है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से आज 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है। उन्होंने युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों से इस दिन “योग को जीवन में उतारने का संकल्प” लेने की अपील की।
नवीन योग नीति: सब्सिडी से लेकर रिसर्च तक राज्य सरकार का समर्थन
मुख्यमंत्री धामी ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने हाल ही में नई योग नीति को मंजूरी दी है, जिसके अंतर्गत योग और ध्यान केंद्र स्थापित करने पर अधिकतम 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा पर शोध को बढ़ावा देने के लिए 10 लाख रुपये तक का अनुदान भी तय किया गया है।
उत्तराखंड बनेगा योग और वेलनेस टूरिज्म का वैश्विक केंद्र
सीएम ने कहा कि उत्तराखंड न केवल आध्यात्मिक भूमि है, बल्कि योग और आयुष की अपार संभावनाओं से भरपूर है। राज्य सरकार उत्तराखंड को योग और वेलनेस टूरिज्म का ग्लोबल हब बनाने की दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
समारोह में इनकी रही मौजूदगी
कार्यक्रम में विधायक खजान दास, भरत चौधरी, राज्य स्तरीय खेल परिषद के उपाध्यक्ष हेमराज बिष्ट, आयुष सचिव दीपेंद्र चौधरी, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे सहित कई गणमान्य जन उपस्थित रहे।
‘रन फॉर योगा’ सिर्फ एक इवेंट नहीं, बल्कि उत्तराखंड की नई ऊर्जा और दिशा का प्रतीक है। मुख्यमंत्री की अगुवाई में राज्य योग की राह पर अग्रसर है — जहां हर नागरिक स्वस्थ, अनुशासित और सकारात्मक जीवन शैली की ओर बढ़ रहा है।