देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में 300वीं जन्म जयंती समारोह के तहत अहिल्याबाई होल्कर को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने अहिल्याबाई को करुणा, सेवा और धर्मनिष्ठा की मिसाल बताते हुए कहा कि उन्होंने शासन को केवल सत्ता का साधन नहीं, बल्कि जनसेवा और न्याय के माध्यम के रूप में स्थापित किया।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से बताया कि अहिल्याबाई होल्कर ने काशी विश्वनाथ, सोमनाथ, द्वारका, रामेश्वरम, अयोध्या, मथुरा जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार कर भारतीय सांस्कृतिक आत्मा को पुनर्जीवित किया। साथ ही, बद्रीनाथ, केदारनाथ और हरिद्वार जैसे पवित्र तीर्थस्थलों के विकास में भी उनका योगदान अमूल्य रहा।
उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई ने उस समय नारी सशक्तिकरण की ऐसी मिसाल कायम की, जो अपने युग से कई कदम आगे थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर में प्रवेश कर चुका है, जहाँ हमारी सनातन संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को पुनः स्थापित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण, केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण, बद्रीनाथ मास्टर प्लान के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण के कार्य भी तेजी से चल रहे हैं। महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, उज्ज्वला योजना और मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना जैसी पहलें महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही हैं।
धामी ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार भू-कानून को सख्ती से लागू कर राज्य की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर की रक्षा कर रही है। साथ ही समान नागरिक संहिता, नकल विरोधी कानून लागू कर युवाओं को सरकारी नौकरियों में अवसर प्रदान कर प्रदेश को आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अहिल्याबाई होल्कर को आदर्श मानकर न केवल सांस्कृतिक पुनरुत्थान बल्कि सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी कठोर कदम उठाने का संकल्प जताया।