- उत्तराखण्ड कैबिनेट के फैसले: स्थानीय रोजगार, निवेश, पारदर्शिता और विकास पर जोर
TMP: उत्तराखण्ड सरकार की हालिया कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय राज्य की अर्थव्यवस्था, स्थानीय रोजगार, निवेश और शासन व्यवस्था में पारदर्शिता को मजबूती देने वाले साबित होंगे। आइए जानते हैं इन अहम निर्णयों को सरल और प्रभावी रूप में:
प्रोक्योरमेंट नियमों में बड़ा बदलाव – स्थानीयों को मिलेगा ज्यादा काम
राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति (प्रोक्योरमेंट) नियमावली, 2024 को मंजूरी दी है, जिससे स्थानीय ठेकेदारों को अब ₹10 करोड़ तक के सरकारी कार्य मिल सकेंगे – जो पहले ₹5 करोड़ तक सीमित था। इससे स्थानीय रोजगार और फर्मों को प्रत्यक्ष फायदा मिलेगा।
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MSME और स्वयं सहायता समूहों को प्राथमिकता: इन्हें अब टेंडर प्रक्रिया में 10% तक मूल्य वरीयता मिलेगी।
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ऑनलाइन बैंक गारंटी (e-BG) का प्रावधान – निविदा प्रक्रिया होगी पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी।
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शिकायतों के निस्तारण के लिए IFMS पोर्टल पर नया ग्रीवांस सिस्टम भी शुरू होगा।
मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025 – राज्य बनेगा निवेश हब
उत्तराखण्ड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट नीति-2025 को भी कैबिनेट से हरी झंडी मिल गई है। इसका उद्देश्य है:
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राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करना
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50 करोड़ से लेकर 1000 करोड़ से अधिक निवेश करने वाली इकाइयों को चार श्रेणियों में बांटकर स्थायी पूंजी निवेश पर 10% से 20% तक प्रोत्साहन दिया जाएगा।
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पर्वतीय जिलों को मिलेगा अतिरिक्त बोनस (2% तक) प्रोत्साहन।
मिथाईल एल्कोहॉल को अब ‘विष’ घोषित किया गया
कैबिनेट ने उत्तराखण्ड विष (कब्जा एवं विक्रय) नियमावली, 2023 में संशोधन करते हुए मिथाईल एल्कोहॉल को विष की सूची में शामिल करने का निर्णय लिया है। यह फैसला जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर लगाम लगाने की दिशा में अहम कदम है।
लेखा संवर्ग की वेतन विसंगतियाँ होंगी दूर
वर्ष 2019 से पहले कोषागार विभाग में कार्यरत लेखाकारों/सहायक लेखाकारों की वेतन विसंगतियों को दूर करने और पदोन्नति के मामलों को स्पष्ट करने हेतु नया आदेश जारी किया जाएगा।
बांध सुरक्षा पर रिपोर्ट विधानसभा में पेश होगी
राज्य बांध सुरक्षा संगठन द्वारा तैयार 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट अब विधानसभा के समक्ष पेश की जाएगी। रिपोर्ट में राज्य के 21 प्रमुख बांधों की निगरानी, निरीक्षण और सुरक्षा व्यवस्था का लेखा-जोखा शामिल है।
लिपिक सेवा नियमावली 2025 – भर्ती व पदोन्नति होंगे पारदर्शी
अब तक UP से अपनाई गई पुरानी नियमावली को हटाकर नई लिपिक वर्गीय सेवा नियमावली-2025 लागू की जाएगी। इससे भर्ती, पदोन्नति और वेतन वृद्धि की प्रक्रिया में पारदर्शिता और स्पष्टता आएगी।
सेवा क्षेत्र नीति 2024 में संशोधन – पर्वतीय क्षेत्रों को मिलेगा प्राथमिकता
उत्तराखण्ड सेवा क्षेत्र नीति 2024 में संशोधन कर विकसित क्षेत्रों को नीति के दायरे से बाहर कर दिया गया है, ताकि कम विकसित पर्वतीय क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण निवेश को बढ़ावा मिल सके।
चाय विकास बोर्ड को 11 नए पद – उत्पादन को मिलेगी रफ्तार
उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड के तहत 11 नए पदों का सृजन किया गया है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में चाय उत्पादन, रोजगार और किसानों की आय में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।
उत्तराखण्ड योग नीति 2025 को मिली मंजूरी
अंत में, कैबिनेट ने उत्तराखण्ड योग नीति 2025 को भी मंजूरी दी है, जो राज्य को योग और वेलनेस हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।