TMP : बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद भारत-बांग्लादेश रिश्तों में तनाव बढ़ता जा रहा है। खासकर हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है, जबकि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार लगातार भारत से संबंध खराब करने की दिशा में बढ़ रही है।
जयशंकर की चेतावनी— “बांग्लादेश को तय करना होगा, भारत से कैसा रिश्ता चाहता है”
हाल ही में ओमान में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की थी, लेकिन इसके बावजूद बांग्लादेश का भारत-विरोधी रवैया जारी है। एक हफ्ते बाद जयशंकर ने बांग्लादेश की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब “दोहरा रवैया नहीं चलेगा।”
1: 1971 से चला आ रहा ऐतिहासिक रिश्ता, लेकिन नई सरकार का रवैया आक्रामक।
2: एक ओर अच्छे संबंधों की बात, दूसरी ओर भारत पर दोषारोपण— यह स्वीकार्य नहीं।
3: हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर भारत मुखर, बांग्लादेश को देना होगा स्पष्ट जवाब।
बढ़ते तनाव के बीच आगे क्या?
भारत इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उठा सकता है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है, लेकिन भारत ने संकेत दे दिया है कि यदि रिश्ते खराब होते हैं, तो उसकी जिम्मेदारी बांग्लादेश की होगी। बांग्लादेश अब किसी भ्रम में नहीं रह सकता— उसे तय करना होगा कि वह भारत के साथ दोस्ती चाहता है या टकराव!