TMP : महाकुंभ अपने समापन की ओर बढ़ रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही। सोमवार को प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में भारी संख्या में यात्रियों का सैलाब उमड़ा, जिससे डिब्बों में पैर रखने तक की जगह नहीं बची। लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, मुरादाबाद और मेरठ से चलने वाली कुंभ स्पेशल ट्रेनों में इतनी भीड़ थी कि चढ़ना भी मुश्किल हो गया।
स्टेशनों पर बढ़ी चौकसी, जीआरपी-आरपीएफ जवान तैनात
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुए हादसे के बाद रेलवे ने चौकसी बढ़ा दी है। हर कोच के बाहर जीआरपी और आरपीएफ के जवान तैनात रहे, जिससे स्टेशनों पर भीड़ के बावजूद अफरातफरी की स्थिति नहीं बनी।
- लखनऊ में गंगा-गोमती एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे यात्रियों को उद्योग नगरी एक्सप्रेस और त्रिवेणी एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए दौड़ लगानी पड़ी।
- वाराणसी कैंट और बनारस रेलवे स्टेशन पर बिहार व प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ दिखी।
- लाउडस्पीकर से यात्रियों को बार-बार सतर्क रहने और ट्रेनों के सही प्लेटफॉर्म की जानकारी दी जा रही थी।
थानों की पुलिस भी आई मदद के लिए आगे
स्टेशनों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए समीप के थानों की पुलिस को भी ड्यूटी पर लगाया गया।
- मुरादाबाद रेलवे स्टेशन पर यात्रियों ने खिड़कियों से शोर मचाकर ट्रेन के गेट खुलवाने की कोशिश की।
- शाहजहांपुर से बरेली तक सभी स्टेशनों पर भारी भीड़ उमड़ी, जिससे स्थानीय पुलिस भी व्यवस्था संभालने में जुटी रही।
- अलीगढ़-बरेली पैसेंजर ट्रेन को यात्रियों की मांग के चलते सोमवार को फिर से संचालित किया गया।
ट्रेनों को डायवर्ट कर निकाला हल
प्रयागराज की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं के दबाव को देखते हुए रेलवे ने कई ट्रेनों का मार्ग बदल दिया।
- सारनाथ एक्सप्रेस को कटनी की बजाय मुड़वारा स्टेशन भेजे जाने पर यात्रियों ने हंगामा कर दिया।
- कामायनी एक्सप्रेस को झांसी के रास्ते बनारस की ओर भेजा गया, जबकि सारनाथ एक्सप्रेस और गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस को कानपुर के रास्ते वाराणसी रवाना किया गया।
महाकुंभ की आस्था के आगे ट्रेनों की भीड़ भी छोटी पड़ रही है। रेलवे प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां भीड़ को नियंत्रित करने में जुटी हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक है कि ट्रेनों में जगह मिलना मुश्किल हो गया है। आने वाले दिनों में भी इसी तरह का यातायात दबाव देखने को मिल सकता है।